IIT-Kanpur professor, World Cup 2019: कभी कमजोर माने जाने वाली भारतीय टीम की तेज गेंदबाजों की गिनती आज वर्ल्ड के टॉप क्लास गेंदबाजों में की जाती है। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार लगातार अपनी गेंदों से विरोधी खेमे में खलबली मचा रहे हैं। वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की सफलता इन तीनों गेंदबाजों के प्रदर्शन पर ही निर्भर करेगी। आईपीएल में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने अपनी गेंदों से बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। इस वर्ल्ड कप में दिग्गजों की नजर जसप्रीत बुमराह पर होगी। बहुत ही कम समय में बुमराह ने क्रिकेट जगत में एक खास मुकाम हासिल कर लिया है। बुमराह की गिनती आज दुनिया के टॉप के गेंदबाजों में की जाती है। बुमराह आईसीसी वनडे रैंकिंग में 774 प्वॉइंट्स के साथ टॉप पर हैं। आईआईटी कानपुर के एक प्रोफेसर ने बुमराह की गेंदबाजी पर रिसर्च किया और उनकी सफलता का राज लोगों के सामने रखा।

दरअसल, प्रोफेसर संजय मित्तल ने बुमराह की गेंदबाजी का कारण ‘रिवर्स मैग्नस फोर्स’ को बताया। मित्तल के मुताबिक सीम स्थिति और 1,000 RPM की रोटेशनल गति गेंद को केवल 0.1 का स्पिन अनुपात देती है इस वजह इसे ‘रिवर्स मैग्नस इफेक्ट’ कहा जाता है। इन शॉर्ट के हवाले से मित्तल ने बताया गेंद तेजी से नीचे की ओर जाने की वजह से बल्लेबाजों के लिए बुमराह की गेंदों को खेलना मुश्किल हो जाता है। बुमराह लगातार इसी तरह की गेंदबाजी कर बल्लेबाजों पर दबाब बनाने में बरकरार रहते हैं।

जसप्रीत बुमराह ने अब तक खेले गए 49 वनडे में 85 विकेट अपने नाम कर चुके हैं। भारतीय फैंस बुमराह से वर्ल्ड कप के दौरान अधिक से अधिक विकेटों की उम्मीद रखेंगे। इंग्लैंड की तेज पिच पर गेदंबाजों के लिए मदद नहीं होगी, ऐसे में जसप्रीत के लिए वहां बल्लेबाजों को खामोश रखना बड़ी चुनौती होगी।