भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने साल 2000 से 2005 तक अपनी कप्तानी में टीम को कई सफलताए दिलाने का काम किया था। भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक गांगुली ने 1996 में अपना पहला डेब्यू खेला और इसके बाद वो लगातार बेहतर होते चले गए। वनडे क्रिकेट में सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी भारतीय टीम के लिए काफी अहम मानी जाती थी। इन दोनों ने कई बार टीम को एक ठोस शुरुआत देने का काम किया। 176 वनडे पारियों के दौरान दोनों के बीच 8227 रनों की साझेदारी हुई, जो कि एक वर्ल्ड रिकर्ड है। इन दिनों गांगुली अपनी क्रिकेट कमेंट्री की वजह से सुर्खियों में बने हुए हैं। गांगुली ने हाल ही में अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है। दरअसल, गांगुली इन दिनों जल्द ही प्रकाशित होने वाली अपनी आत्मकथा ‘ए सेंचुरी इज नॉट इनफ’ की प्रमोशन में व्यस्त है। शनिवार को दिल्ली में गांगुली ने इस किताब का प्रमोशन किया, इस दौरान वह मीडिया से लगातार 10 घंटे तक किताब के बारे चर्चा करते रहे। प्रमोशन के बाद गांगुली ने चाय पीते हुए एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की। गांगुली ने लिखा, ”दिल्ली में किताब का प्रमोशन। भारतीय टीम के कप्तान रहते हुए भी कभी इतनी देर तक मीडिया का सामना नहीं किया था”।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली।

सौरव गांगुली की यह किताब फरवरी के अंतिम हफ्ते में प्रकाशित की जा सकती है। ‘ए सेंचुरी इज नॉट इनफ’ के जरिए गांगुली ने अपने जीवन के कई ऐसे पहलुओं को सामने रखने की कोशिश की है, जिससे क्रिकेट फैंस और उनके जानने वाले अनजान थे। भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल और गांगुली के बीच होने वाले विवादों का जिक्र भी किताब में किया गया है। सौरव गांगुली ना सिर्फ भारतीय सरजमीं पर बल्कि विदेशों में भी अपनी कप्तानी का लोहा मनवा चुके हैं।

गांगुली के कप्तान बनने के बाद से ही भारतीय क्रिकेट में बदलाव आने शुरू हुए। भारतीय टीम की कमजोर कड़ी माने जाने वाली फील्डिंग पर गांगुली ने खासा ध्यान दिया। गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम को 20 से ज्यादा टेस्ट मैचों में जीत मिली है, वहीं 146 वनडे मैचों में टीम 76 जीतने में कामयाब रही है।