भारतीय गेंदबाजों की वेस्टइंडीज के खिलाफ शनिवार (27 अगस्त) को यहां पहले टी20 मैच में जमकर धुनाई हुई लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मानना है पिच ‘बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग’ थी और ऐसे में गेंदबाजों का प्रदर्शन बुरा नहीं था। वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर 15 ओवर में ही एक विकेट पर 199 रन बना लिए थे। भारतीयों ने हालांकि आखिरी पांच ओवरों में केवल 46 रन देकर अच्छी वापसी की और इस बीच पांच विकेट भी लिए। धोनी ने डेथ ओवरों में अपने गेंदबाजों के प्रदर्शन की तारीफ की।
उन्होंने कहा, ‘पहले छह ओवरों में कैसे गेंदबाजी करनी हैं हम इसमें सुधार कर सकते हैं। असल में पहले 12 ओवरों में हमने अधिक रन लुटाये। हमने जिस तरह से आखिरी आठ ओवरों में प्रतिद्वंद्वी टीम की रन गति पर रोक लगाई उससे मैं खुश हूं और यह वास्तव में मायने रखता है क्योंकि यह ऐसा क्षेत्र है जिसमें हम लगातार संघर्ष कर रहे थे।’ धोनी ने कहा, ‘यह हमारे गेंदबाजों के लिए अच्छा अनुभव था और उन्होंने अच्छी तरह से अंत किया और इससे हम उन्हें 245 रन पर रोक पाये। एक समय हमें लग रहा था कि वे 270 और यहां तक इससे अधिक रन बना सकते हैं।’
भारतीय कप्तान ने हालांकि कहा कि उनके गेंदबाजों को बहुत जल्दी सामंजस्य बिठाना सीखना होगा और अपनी रणनीति की पुनर्समीक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा, ‘गेंदबाजों को परिस्थतियों का आकलन करके कुछ हद तक अपनी रणनीति बदलनी होती है। एक अच्छे विकेट पर यदि मैं चार ओवर करता हूं, 40 रन देता हूं और दो विकेट लेता हूं तो यह अच्छा है। इसलिए आपको यह आकलन करना होता है कि इस विकेट पर अच्छा गेंदबाजी विश्लेषण क्या हो सकता है। यहां तक कि यदि आप चार ओवर में 50 रन देते हो और दो या तीन विकेट लेते हो तो तब भी यह आपके पक्ष में हो सकता है।’
धोनी ने कहा, ‘आकलन करना मुश्किल है लेकिन हां कुल मिलाकर यह बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग थी। कई छक्के जड़े गए। असल में चौकों से अधिक छक्के लगे और ऐसे में गेंदबाजों के लिए अंकुश लगाना मुश्किल था लेकिन जिस टीम के गेंदबाजों ने कम छक्के दिए उसे आखिर में जीत मिली।’ धोनी को खेद है कि वह आखिरी गेंद पर सही शॉट नहीं लगा पाए जिसके कारण भारत रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल करने से चूक गया। भारत को आखिरी गेंद पर दो रन चाहिए थे लेकिन ड्वेन ब्रावो की धीमी गेंद पर धोनी ने शॉर्ट थर्ड मैन पर खड़े मर्लोन सैमुअल्स को कैच थमा दिया और भारत एक रन से मैच हार गया।’
उन्होंने कहा, ‘आखिरी गेंद को लेकर मेरी सोच सही थी लेकिन उस पर शॉट सही नहीं लगा पाया और क्रिकेट जैसे खेल में आप किसी गेंद को किस तरह से खेलते हो यह काफी मायने रखता है।’ धोनी ने एक समय चेन्नई सुपरकिंग्स के अपने दोस्त ड्वेन ब्रावो की दबाव में परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने के कौशल की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘यदि ब्रावो की बात करें तो वर्तमान समय में डेथ गेंदबाजी में उसका कोई सानी नहीं है और उसे जितना अनुभव है उसे देखते हुए यह वास्तव में काफी मायने रखता है। आपको पता होता है कि यदि वह गेंदबाजी कर रहा है तो फिर रन बनाना आसान नहीं होगा और ऐसे में आप किस तरह से शाट खेलते हो यह महत्वपूर्ण हो जाता है।’