England vs South Africa, 2nd SF: वर्ल्ड कप शुरू होने में अब लगभग दो महीने का समय रह गया है। ऐसे में सभी टीमें अपनी कमजोरियों को दूर करने की कोशिश में जुटी हुई है। 22 मार्च यानी आज ही के दिन साल 1992 वर्ल्ड कप में कुछ ऐसा हुआ था जिसे दक्षिण अफ्रीकी टीम शायद ही याद करना चाहेगी। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका का सामना इंग्लैंड से हो रहा था। इस मैच में दक्षिण अफ्रीका का पलड़ा भारी नजर आ रहा था, ऐसा लग रहा था कि वो इस मैच को आराम से जीत जाएगी। लक्ष्य का पीछा कर रही दक्षिण अफ्रीकी टीम को जीत के लिए 13 गेंदों में 22 रनों की जरूरत थी और टीम के बल्लेबाज तेजी से रन बटोरने का काम भी कर रहे थे। ऐसे में मैच के बीच बारिश ने दस्तक दी और कुछ समय के लिए खेल रोक दिया गया। बारिश खत्म होने के बाद एक बार फिर खेल शुरू हुआ और अब अफ्रीकी टीम को 7 गेंदों में 22 रन बनाने थे। गेंदों की संख्या तो घटाई गई लेकिन जीतने के लिए रन अभी उतने ही बनाने थे।

इससे पहले की गेंद डाली जाती बारिश ने एक बार फिर मैच पर पानी फेर दिया। इसके बाद जो दक्षिण अफ्रीका के लिए टारगेट तय हुआ उसे शायद ही वो कभी भुला पाए। इंग्लैंड के खिलाफ जीत हासिल कर फाइनल में पहुंचने के लिए अब अफ्रीकी टीम को 1 गेंद पर 22 रन बनाने थे। उस समय के नियम के अनुसार बारिश आने पर सबसे कम रन वाले ओवर को हटाया जाना था। दक्षिण अफ्रीका की पारी के दौरान जो मेडन ओवर डाले गए उसे हटाने की वजह से गेंदों की संख्या कम हुई लेकिन रनों की नहीं।

अफ्रीकी कप्तान केप्लर वेसल्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत खराब रही और सलामी बल्लेबाज ग्राहम गूच महज 2 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद एलेक्स स्टुअर्ट भी कुछ ज्यादा नहीं कर सकें। हालांकि, ग्रीम हिक ने लगातार गिर रही विकेटों पर विराम लगाया और एक छोर से टीम को संभालने का काम किया। ग्रीम हिक ने टीम के लिए सबसे अधिक 83 रन बनाने का काम किया। इस जीत के साथ ही इंग्लैंड ने तीसरी बार फाइनल में जगह बनाई।