इंग्लैंड और बांग्लादेश के बीच टेस्ट मैच के पहले दिन मोइन अली काफी भाग्यशाली रहे। स्पिन की मददगार सूखी पिच पर किस्मत ने उनका जमकर साथ दिया। मोइन अली को पारी के दौरान तीन बार आउट दिया गया लेकिन वे हर बच गए। इन जीवनदानों की बदौलत उन्होंने अर्धशतक लगाया। मोइन अली जब बल्लेबाजी को मैदान में उतरे तो इंग्लैंड के टॉप के तीन विकेट केवल 21 रन पर गिर गए थे। एक रन बनाकर उन्होंने पारी में खाता खोला। इसी स्कोर पर उनके खिलाफ मेहंदी हसन मिराज की गेंद पर पगबाधा की अपील हुर्इ। लेकिन अंपायर ने अपील ठुकरा दी। टीवी रिप्ले में नजर आया कि वे आउट थे लेकिन बांग्लादेश ने रिव्यू नहीं लिया इस कारण मोइन बच गए। इस वाकये के बाद मोइन ने रिव्यू के जरिए तीन बार जीवनदान पाया।
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मोइन जब 14 रन पर पहुंचे तो साकिब अल हसन की गेंद पर अंपायर कुमार धर्मसेना ने उन्हें पगबाधा करार दे दिया। बल्लेबाज ने रेफरल लिया और इसमें दिखा कि गेंद बल्ले को छूकर गई थी। तीसरे अंपायर ने फैसला पलट दिया और मोइन बच गए। इंग्लिश बल्लेबाज ने तीन रन और बनाए थे कि एक बार फिर से साकिब की गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट करार दिया गया। मोइन ने एक बार फिर रेफरल लिया। इस बार रिप्ले में नजर आया कि गेंद ऑफ स्टंप को मिस कर रही थी। मोइन एक बार फिर नॉट आउट करार दिए गए। दो गेंद बाद ही साकिब अल हसन ने मोइन के खिलाफ फिर से पगबाधा की अपील की। मोइन फिर आउट दिए गए। इस बार गेंद ऑफ स्टंप के बाहर जा रही थी। बांग्लादेश को फिर निराशा हाथ लगी।
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डीआरएस की तकनीक के सहारे मोइन अली को साकिब अल हसन की छह गेंदों के अंदर तीन बार जीवनदान मिला। मोइन अली को जितनी बार भी अंपायर ने आउट दिया, तो हर बार गेंदबाज शाकिब अल हसन थे। वहीं हर बार आउट देने वाले अंपायर कुमार धर्मसेना थे। इन जीवनदानों के सहारे मोइन ने 68 रन की अर्धशतकीय पारी खेली। पहले दिन के खेल के बाद मोइन ने कहा, ”यह काफी मुश्किल था। यह सबसे कठिन 60 रन थे जो मैंने बनाए। मैं गेंद को मिस करता रहा और बार-बार मेरे पैड को लगती रही। मुझे समझ नहीं आया क्यों।”

