बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए निदास ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को लंबे अर्से तक याद रहेगा। इस मैच में दिनेश कार्तिक ने अंतिम गेंद पर छक्का जड़कर टीम को जीत दिलाने का काम किया। किसी भी बल्लेबाज के लिए अंतिम गेंद पर बड़ा शॉट लगाना आसान नहीं होता। कार्तिक के लिए भी यह काम चुनौती भरा था, इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कार्तिक ने इस बारे में जिक्र किया। कार्तिक से पूछा गया, आखिरी गेंद पर जब टीम को जीत के लिए 5 रनों की जरूरत थी तो एक बल्लेबाज के तौर पर उनके दिमाग में क्या चल रहा था? इसका जवाब देते हुए कार्तिक ने कहा, ”मैं शॉट को अच्छी तरह से खेल पा रहा था, इसकी वजह गेंद का बल्ले से अच्छी तरह कनेक्ट होना था। श्रीलंका के मैदान काफी बड़े हैं, लेकिन जब गेंद बल्ले से लगकर गई तो मुझे यकीन था कि ये 6 रनों के लिए जाएगी। गेंद बल्ले के बीच में लगी थी और शॉट लगने के बाद बल्ला मेरे हाथों में सीधा रहा। उस दौरान मुझे इस बात का यकीन हो गया कि यह गेंद बाउंड्रीलाइन से बाहर जाकर ही गिरेगी”।
विजय शंकर ने मुस्तफिजुर रहमान के ओवर में चार डॉट गेंद खेली। कार्तिक ने इस पर कहा, ”3 ओवर में भारत को जीत के लिए 35 रनों की जरूरत थी और भारत 18वें ओवर में महज एक रन ही बना पाई। वियज शंकर कोशिश कर रहे थे, लेकिन ऐसे समय में मुस्तफिजुर को बड़ा शॉट लगाना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होता। शंकर ने इस टूर्नामेंट में पहली बार भारत के लिए बल्लेबाजी किया था, वह पिच से पूरी तरह से परिचित नहीं थे”।
कार्तिक ने कहा, ”शंकर काफी किस्मत वाले हैं कि उन्हें फाइनल में बल्लेबाजी करने का मौका मिला। ये दिन उनका नहीं था, लेकिन उन्हें प्रयास पूरा किया। भले ही वो इस मैच में रन बनाने में कामयाब ना रहे हों , लेकिन उन्हें इस पारी से काफी कुछ सीखने को जरूर मिला होगा। वह चीजों को लेकर मैदान पर सकारात्मक रहते हैं और मुझे उम्मीद है, शंकर आने वाले समय में भारत के लिए बेहतर प्रदर्शन करेंगे।