जिस वक्त भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में हार टालने के लिए संघर्ष रहे थे वहीं, दूसरी ओर सैकड़ों रणजी खिलाड़ी पैसों की कमी को लेकर परेशान थे। आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा के बाद से आम लोगों के साथ रणजी खिलाड़ी भी काफी परेशान हैं। राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी नोटबंदी की इस घोषणा बच गए क्योंकि बीसीसीआई ने उनको इंग्लैंड के साथ होने वाली सीरीज से पहले ही डीए का अग्रिम भुगतान कर दिया था। वहीं, रणजी ट्रॉफी में खेल रहे खिलाड़ियों को नोट बंदी की वजह से डीए नहीं मिल पा रहा है। बीसीसीआइ सचिव अजय शिर्के ने कहा है कि टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों और स्टाफ को पहले ही डीए का भुगतान कर दिया गया है।
इन खिलाड़ियों के साथ यह परेशानी है कि इन्हें मैच भी खेलना है और घर से बाहर रहकर अपना खर्च भी चलाना है। कई खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्हें खाने के लिए ऑनलाइन भुगतान करना पड़ रहा है क्योंकि जेब में पैसा नहीं बचा है। उन्हें दूसरी जरूरी चीजों के लिए भी पैसों की जरूरत पड़ रही है। टीम मैनेजमेंट ने खिलाड़ियों से कहा है कि वे अपने बिल जमा कर लें और उन्हें बाद में भुगतान कर दिया जाएगा। वहीं, खिलाड़ियों को हिदायत दी गई है कि वे नोट निकालने के लिए एटीएम की कतार में न लगें, क्योंकि उन्हें कई लोग पहचानते हैं और इससे भगदड़ की स्थिति पैदा हो सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कई रणजी खिलाड़ियों को ऐसे होटल में ठहराया गया है जहां उन्हें दिन का और रात का खाना नहीं मिलता और इसके लिए उनको भुगतान करना पड़ता है। उनके पास भुगतान के लिए पैसे नहीं हैं और वे पैसे निकालने के लिए बाहर जा नहीं सकते हैं। इन खिलाड़ियों ने मैनेजमेंट से कहकर कुछ नोट तो बदलवा लिए हैं, पर जरूरी खर्च के लिए यह नोट कम हैं। कुछ राज्य क्रिकेट एसोसिएशंस खिलाड़ियों के बैंक खाते में ही रकम जमा कर दे रहे हैं। ज्यादातर खिलाड़ियों को नगद पैसा दिया जाता है, नोट बंदी की वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही है।
वीडियो: नोटबंदी के मुद्दे पर पीएम मोदी ने देर रात बुलाई बैठक; जानिए क्या हुआ फैसला