नोटबंदी के चलते इंग्‍लैंड क्रिकेट टीम के समर्थक बार्मी आर्मी को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बार्मी आर्मी के ट्यूर मैनेजर एंडी थॉमसन ने बताया कि उनके ग्रुप के एक सदस्‍य की टांग फ्रैक्‍चर हो गई थी। इसके चलते राजकोट में पुराने नोटों को लेकर उन्‍हें काफी समस्‍या हुई। जिस क्लिनिक में एक्‍स रे और एमआरआई स्‍कैन कराया उन्‍होंने पुराने नोट लेने से मना कर दिया। उनके क्रेडिट कार्ड भी यहां काम नहीं कर रहे थे। थॉमसन ने बताया कि इस पर उन्‍होंने होटल फोन किया और वहां से मदद मांगी। उनके अनुसार, ”हम उस लड़के को कभी भूल नहीं सकते। वह क्लिनिक आया और अपने डेबिट कार्ड से पैसा चुकाकर हमारी मदद की।” होटल के असिस्‍टेंट मैनेजर ने इलाज के पैसे चुकाए। आपको बता दें कि बार्मी आर्मी इंग्‍लैंड की क्रिकेट टीम का समर्थन करती है। यह ग्रुप जहां भी इंग्‍लैंड जाता है वहां उसके सपोर्ट के लिए जाते हैं।

भारत और इंग्‍लैंड के बीच राजकोट में पहले टेस्‍ट से एक रात पहले नोटबंदी का एलान किया गया था। बार्मी आर्मी के पास पुराने नोट और कुछ छुट्टे रुपये थे। इन्‍हें यूज करने में उन्‍हें काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा। थॉमसन ने बताया, ”हम जानते थे कि कुछ समस्‍या होगी लेकिन पता नहीं था इतनी तकलीफ होगी। हमने सोचा कि पर्यटकों को पुराने नोटों के संबंध में राहत दी गई होगी। लेकिन ऐसा नहीं था। हम 12 लोग हैं और हमारे पास 55 हजार रुपये थे। साथ ही कुछ छुट्टे रुपये भी थे। हमें पता चला कि राजकोट में रहने के लिए हमारे पास पैसा तक नहीं है। हमारे कार्ड काम नहीं कर रहे थे इसलिए हम नकदी के भरोसे थे।” बैंक गए तो वहां लंबी लाइनें थी। एटीएम खाली पड़े थे। फॉरेन एक्‍सचेंज ब्‍यूरो से भी ठंडा रेस्‍पॉन्‍स मिला। दिक्‍कत इस बात से और बढ़ गई कि मैच और बैंकों की टाइमिंग लगभग एक ही थी।

थॉमसन ने बताया, ”हमारे पास एटीएम तलाशने के अलावा कोई चारा नहीं था। अब मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैंने पूरा शहर घूमा है।” ऐसा कहते हुए वे हंस पड़ते हैं। बार्मी आर्मी की ऐसे समय में इंग्‍लैंड क्रिकेट टीम के कुछ सदस्‍यों ने मदद की। उन्‍होंने उनके पुराने नोटों को अपने होटल में बदलवा दिया। इस तरह से उन्‍होंने 9000 रुपये बदलवाए। लेकिन बावजूद इसके कुछ पैसे बच गए। एक बार फिर से उनकी मदद असिस्‍टेंट मैनेजर ने की।

थॉमसन के अनुसार, ”वह बैंक में कुछ लोगों को जानता था। इस तरह से वह हमें पीछे के दरवाजे से ले गया। हम शर्मिंदा और दोषी महसूस करते हैं क्‍योंकि कई लोग धूप में लाइन लगाकर खड़े थे और हमें प्राथमिकता दी गई। यदि इंग्‍लैंड में 5 या 10 पाउंड के नोट बैन किए जाते तो वहां पर निश्चित तौर पर रंगे हो जाते। मुझे लगता है कि यहां के लोग सहनशील हैं और इसने भारत के प्रति हमारे नजरिए को बदल दिया।” राजकोट में उन्‍होंने सारे नोट बदल लिए। इसके बाद इन नोटों को बुद्धिमत्‍ता से उपयोग करने का फैसला लिया गया। ग्रुप ने घूमने के कुछ प्‍लान कैंसल कर दिए।