छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ रणजी ट्राफी टीम के चयन में भेदभाव का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और राज्य क्रिकेट संघ को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता के वकील सौरभ डांगी ने बताया कि पूर्व क्रिकेटर आर विजय नायडू (रायपुर के निवासी) के जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और चंद्र भूषण बाजपेयी की खंडपीठ ने बीसीसीआई और छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट संघ :सीएससीएस: को कल नोटिस जारी करके उनके जवाब मांगे। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता ने छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट टीम के चयन में भेदभाव का आरोप लगाया है। टीम इस सत्र में रणजी ट्राफी में पदार्पण करेगी।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि चयन के नियम और रणजी ट्राफी टीम के चयन से जुड़ी अन्य गतिविधियां सीएससीएस की वेबसाइट पर नहीं है जैसा कि अन्य राज्यों में है।

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याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई विरूद्ध बिहार क्रिकेट संघ मामले में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी स्तर पर पारदर्शिता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए लेकिन छत्तीसगढ़ ने इसकी अनदेखी की है। यचिकाकर्ता ने साथ ही आरोप लगाया कि तीन खिलाड़ियों रिषभ तिवारी, अविनाश धारीवाल और आशुतोष सिंह को चयन ट्रायल में हिस्सा नहीं लेने के बावजूद टीम में शामिल किया गया और साथ ही चयन प्रक्रिया में भेदभाव और भाईभतीजावाद चला। उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 18 अक्तूबर रखी है। छत्तीसगढ़ लंबे समय से बीसीसीआई का एसोसिएट सदस्य रहा है और इस साल फरवरी में बीसीसीआई ने राज्य को पूर्ण सदस्यता दी।