भारतीय टीम के यॉर्कर विशेषज्ञ जसप्रीत बुमराह की गैर मौजूदगी में टीम प्रबंधन ने यह जिम्मेदारी नई गेंद के उनके जोड़ीदार भुवनेश्वर कुमार को सौंपी है। भुवनेश्वर ने नेट्स पर स्टम्प के नीचे जूते रखकर अभ्यास किया ताकि दूसरे वनडे से पहले यॉर्कर परफेक्ट कर सके। बुमराह की तरह वह यॉर्कर नहीं फेंकते हैं लेकिन स्लाग ओवरों में पिटाई से बचने के लिये इस पर मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने मैच से पहले पीटीआई से कहा ,‘‘ यॉर्कर फेंकने के लिये अलग तरह के कौशल की जरूरत होती है। मैं जूतों पर यॉर्कर डालने का अभ्यास कर रहा था। स्लाग ओवरों में विकेट लेने और रन रोकने के लिये मैने यह अभ्यास किया।’’ उन्होंने कहा कि टेस्ट मैच से बाहर रहने के दौरान वह यॉर्कर डालने का अभ्यास नहीं कर रहे थे क्योंकि पांच दिनी क्रिकेट में इस गेंद का इस्तेमाल अमूमन नहीं होता है। उन्होंने कहा ,‘‘ मैने एक महीने तक इसका अभ्यास नहीं किया। टेस्ट में इसकी जरूरत नहीं होती और मैंने मैच नहीं खेला। वनडे और टी20 में इसकी जरूरत पड़ती है।’’

वहीं एडिलेड में होने वाले मुकाबले में गेंदबाजी संयोजन में बदलाव की गुंजाइश कम है हालांकि खलील अहमद फॉर्म में नहीं है। उन्होंने युजवेंद्र चहल के साथ नेट्स पर गेंदबाजी की। तीन तेज गेंदबाजों में से मोहम्मद शमी पहले मैच में सबसे प्रभावी रहे और इतने अहम मुकाबले में उन्हें बाहर नहीं रखा जायेगा। टीम प्रबंधन रविंद्र जडेजा के हरफनमौला हुनर पर भरोसा कायम रख सकता है और ऐसे में चहल की तुरंत वापसी संभव नहीं लगती।

भारत के प्रदर्शन का फोकस शीर्ष तीन बल्लेबाजों पर होगा। कोहली का इस मैदान पर सभी प्रारूपों में औसत 73.44 रहा है और वनडे में उनका औसत 46.66 है। धवन के फॉर्म पर भी नजरें होगी जो इस सत्र में धोनी और रायुडू के अलावा घरेलू क्रिकेट नहीं खेलने वाले तीसरे बल्लेबाज थे।