भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सोमवार को उम्मीद जतायी की बांग्लादेश की टीम ईडन गार्डन में होने वाले टेस्ट मैच को दिन-रात्रि में खेलने के लिए सहमत होगी। ईडन गार्डन में यह मुकाबला 22 से 26 नवंबर तक खेला जाना है। बांग्लादेश की टीम हालांकि गुलाबी गेंद से खेलने से बचना चाहती है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) अपने सीनियर खिलाड़ियों के साथ बैठक कर इस मामले में अपने फैसले के बारे में बीसीसीआई अध्यक्ष को सोमवार देर शाम या मंगलवार सुबह तक सूचित कर देगा। लेकिन इससे पहले बीसीसीआई के सामने एक बड़ी समस्या हैं।
इस ऐतिहासिक मैच से पहले बीसीसीआई के सामने इस मैच में उपयोग होने वाली पिंक बॉल की क्वॉलिटी एक बड़ी समस्या है। बीसीसीआई को ऐसी पिंक गेंद का इंतजाम करना होगा जो भारतीय परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। हालांकि साल 2016 में भारत ने घरेलू क्रिकेट में एक्सपेरिमेंट किया था लेकिन वह फ्लॉप रहा था। 2016 में खेले गए दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट को डे-नाइट रखा गया था। यह एक पायलट प्रॉजेक्ट था। हालांकि इस प्रयोग के नतीजे उत्साहित करने वाले नहीं थे।
इस ट्रॉफी में पिंक एसजी गेंद का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन एसजी की गेंद की क्वॉलिटी उतनी अच्छी नहीं है। 20-30 ओवर बाद गेंद अपना कलर और शेप खो देती है। ये दिक्कत दिन में खेले गए टेस्ट मैचों में भी होती है ऐसे में रात में अगर गेंद अपना कलर खो देगी तो बल्लेबाज को गेंद दिखना बंद हो जाएगी। दलीप ट्रॉफी में भी ऐसा ही हुआ था। बोर्ड ने मैच की शुरुआत एसजी की गेंद से की लेकिन आखिर में ड्यूक कंपनी की गेंद का इस्तेमाल करना पड़ा।
बीसीसीआई ने इस साल भी दलीप ट्रॉफी को डे-नाइट में खेलने का निर्णय लिया था लेकिन बाद में बोर्ड ने इस फैसले से यू-टर्न ले लिया। आधिकारिक रूप से कहा गया कि प्रसारणकर्ता कंपनी शाम को खेल के प्रसारण को लेकर रूचि नहीं दिखा रही थी लेकिन सूत्रों का कहना है कि सितंबर के शुरुआत के गीले मैदान भी इसकी पीछे की एक वजह हैं। एसजी गेंदों की गुणवत्ता के बारे में बोर्ड अनिश्चित है। इस परिदृश्य में, यदि डे-नाइट टेस्ट होता है, ड्यूक या कूकाबुरा गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा और इसके लिए आपके पास पर्याप्त स्टॉक में गेंद होनी चाहिए।