स्वतंत्र ऑडिटर की नियुक्ति पर आरएम लोढ़ा समिति की प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतजार कर रहे बीसीसीआई को 25 अक्तूबर तक संभवत: यह अधिकारी नहीं मिलेगा क्योंकि तीन सदस्यीय समिति की सोमवार (24 अक्टूबर) को कोई बैठक नहीं है। तीन सदस्यीय पैनल में शामिल भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश लोढ़ा, अशोक भान और आरवी रवींद्रन अलग-अलग शहरों में रहते हैं और ऐसा असंभव लगता है कि वे सोमवार को बैठक कर पाएंगे जबकि परसों प्रसारण, मोबाइल और इंटरनेट अधिकार की बोली खोली जानी है। पैनल को 21 अक्तूबर को बैठक करनी थी लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया।
पैनल के एक करीबी सूत्र ने बताया, ‘बीसीसीआई ने निविदा जारी करते हुए और तारीखों की घोषणा करते हुए कभी समिति से सलाह मशविरा नहीं किया और अब इसका उन्हें नुकसान हो रहा है। और साथ ही अभी दो साल बचे हैं। किस चीज की जल्दबाजी है। पैनल बैठक करेगा और सभी दस्तावेज मांगेगा और इसके बाद फैसला करेगा। इसमें कुछ समय लगेगा क्योंकि कई चीजों को देखने की जरूरत है।’ बीसीसीआई इससे संशय की स्थिति में है और साथ ही आईटीटी दस्तावेज खरीदने वाली 18 कंपनियों के प्रतिनिधियों की यात्रा और अन्य कार्यक्रम भी तय नहीं हो पा रहा। बीसीसीआई अगर बोली प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है तो यह अदालत की अवमानना हो सकती है और यह मानना सुरक्षित रहेगा कि मीडिया अधिकार के लिए निविदा प्रक्रिया स्थगित होने की पूरी संभावना है।
