कई प्रतिनिधियों और मान्यता प्राप्त इकाईयों के पास उचित अधिकार पत्र नहीं होने या इस तरह के दस्तावेजों ही नहीं होने के कारण बीसीसीआई को शुक्रवार (30 सितंबर) को अपनी विशेष आम सभा (एसजीएम) को स्थगित करना पड़ा। इस स्थगित एसजीएम में न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति द्वारा सुझाए गए बीसीसीआई में आमूलचूल बदलावों को लागू करने पर विचार किया जाना था। यह बैठक अब शनिवार (1 अक्तूबर) दोपहर 12 बजे होगी। बैठक में भाग लेने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘कुछ संघों के सचिव बिना किसी दस्तावेज के आ गए थे जिसमें उन्हें न केवल बैठक में उपस्थित होने का अधिकृत किया जाता बल्कि उन्हें अपने संघ की तरफ से फैसला लेने का अधिकार भी होता। कुछ अन्य के पास जो अधिकार पत्र थे उनमें उनके रहने और वापसी की बुकिंग का आग्रह भी किया गया था।’ सूत्रों ने कहा, ‘पता चला है कि 15 से 16 सदस्य संघ उचित दस्तावेजों के बिना आए थे जिसके कारण बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को केवल पांच से दस मिनट के बाद बैठक स्थगित करनी पड़ी।’

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह उच्चतम न्यायालय से जुड़ा मसला है और इसलिए हम सब कुछ सही तरीके से करना चाहते हैं।’ बीसीसीआई के अभी 31 पूर्णकालिक सदस्य हैं जिसमें निलंबित राजस्थान क्रिकेट संघ भी है। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘हमसे उन दस्तावेजों को लाने के लिये कहा गया जिन्हें सही तरह से लिखा गया हो। इसमें केवल यह जानकारी होनी चाहिए कि संघ की तरफ से कौन एसजीएम में भाग लेने के लिए अधिकृत किया गया है और उसकी तरफ से फैसला लेगा। इस पर हस्ताक्षर करवाकर, स्कैन करके बीसीसीआई को मेल करने हैं।’ उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए यदि मैं अपने संघ का सचिव हूं तो मैं अधिकार पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता। मुझे अपने संघ के किसी अन्य अधिकृत व्यक्ति से इस पर हस्ताक्षर करवाने होंगे। इसे कल (शनिवार, 1 अक्टूबर) बैठक से पहले स्कैन करके बीसीसीआई को भेजना होगा।’