भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया अभी जिस अप्रत्याशित संकट का सामना कर रही है उसे देखते हुए टोक्यो ओलंपिक खेल स्थगित कर देने चाहिए। उनका मानना है कि खिलाड़ियों की जान जोखिम डालने से बेहतर है कि ये खेल कुछ समय के लिए टाल दिए जाएं। टोक्यो में 24 जुलाई से नौ अगस्त के बीच होने वाले ओलंपिक खेलों को स्थगित करने की मांग तेजी से उठ रही है क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर की प्रमुख खेल प्रतियोगिताएं टाल दी गईं हैं या उन्हें रद्द कर दिया गया है।
इस महामारी के कारण विश्व भर में अब तक 8000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दो लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने बुधवार को फिर कहा कि उसे टोक्यो ओलंपिक खेलों के अपने सही समय पर शुरू होने की उम्मीद है।
गोपीचंद ने कहा, ‘मुझे ओलंपिक को लेकर संदेह है। इनके आयोजन में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। तैयारियां अभी से शुरू होनी चाहिए थीं, इसलिए आईओसी को अभी फैसला करना होगा जिससे हर कोई राहत की सांस ले सके।’
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों में सारी दुनिया अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में सोच रही है, इसको ध्यान में रखते हुए ओलंपिक खेलों को स्थगित करना ही बेहतर होगा।’
इस घातक महामारी के फैलने के बावजूद इस महीने के शुरू में ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप का आयोजन करने पर विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) की कड़ी आलोचना हुई थी। साइना नेहवाल सहित अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने बीडब्ल्यूएफ की वित्तीय लाभ के लिये खिलाड़ियों की सुरक्षा से समझौता करने के लिये निंदा की थी।
गोपीचंद ने भी इस पर अपनी स्पष्ट राय रखी। बर्मिंघम से लौटने के बाद खुद अलग थलग रह रहे गोपीचंद ने कहा, ‘निश्चित तौर पर मुझे लगता है कि बीडब्ल्यूएफ की तरफ से यह गलत फैसला था। उसने ऑल इंग्लैंड का आयोजन करके खिलाड़ियों को जोखिम में रखा।’ खिलाड़ियों की आलोचना के बाद बीडब्ल्यूएफ ने अपने सभी टूर्नामेंट 12 अप्रैल तक स्थगित कर दिए हैं।
