दुनिया भर में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इस महामारी की जंग में हर कोई अपने-अपने तरीके से पीड़ितों को योगदान दे रहा है। कोई आर्थिक सहायता कर रहा है तो कोई गरीबों को फ्री में भोजन करा रहा है। कोई आवश्यक चीजें जैसे डिटॉल, सैनिटाइजर और मास्क बांट रहा है तो कोई अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहा है। लंदन ओलंपिक 2012 में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली नीदरलैंड की हॉकी डॉक्टर टीम की गोलकीपर जोयसे सोमब्रोएक अब डाक्टर के तौर पर देश में कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में जुटी हैं।
अब सोमब्रोएक हेजमट सूट (सुरक्षा कवच) पहनकर वायरस की चपेट में आये मरीजों का इलाज कर रही हैं। नीदरलैंड के लिये 2010 से 2016 के बीच 117 मैच खेलने वाली डाक्टर जोयसे का कहना है कि ”जब मैंने दो साल पहले पढ़ाई खत्म की तो मैंने इंटरनल मेडिसिन, पल्मोनरी, कार्डियोलॉजी और गैस्ट्रो-इंटेस्टिनल विभाग में काम करना शुरू किया।”
उन्होंने कहा, ”इसके बाद मैंने एम्सटरडम में बड़े अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में काम करके और अनुभव हासिल किया।” टोक्यो ओलंपिक के स्थगित होने के बारे में उन्होंने कहा कि यह फैसला सही था। बकौल जोयसे, ‘‘मैं समझती हूं कि यह मुश्किल फैसला था। एक या दो महीने पहले मैंने भी सोचा था कि इनका आयोजन किया जा सकता था लेकिन वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है।”
जोयसे ने सोशल अकाउंट पर भी तस्वीरें शेयर कर अपने अनुभव को साझा कर रही हैं। पहले वह खेल में अव्वल थीं और अब मेडिकल के क्षेत्र में भी अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रही हैं। लंदन ओलंपिक में स्वर्ण पदक के अलावा उनके पास 2014 में विश्व चैम्पियनशिप का गोल्ड मेडल भी है। वह लगातार ‘सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर’ भी रह चुकी हैं। 26 साल की उम्र में खेल से संन्यास लेने के बाद उन्होंने एम्सटरडम में व्रिजे यूनिर्विसटी से मेडिकल डिग्री पूरी की।
बता दें कि जोयसे हॉकी प्लेयर और डॉक्टर के अलावा वह बेतहरीन टेनिस प्लेयर भी हैं। आए दिन ही वह टेनिस की पोस्ट डालती रहती हैं। फिलहाल वह कोरोना पीड़ितों को सेवाएं दे रही हैं। गौरतलब है कि भारत में सानिया मिर्जा भी इस जंग में जीजान से लगी हुई हैं। भारतीय महिला टेनिस स्टार ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में 1.25 करोड़ रुपये जुटाए हैं और अब वह इस राशि को जरूरतमंद लोगों में बांटेंगी।
