मौजूदा समय में ‘चाइनामैन’ गेंदबाजी की सबसे अनूठी शैली मानी जाती है। जो कोई भी गेंदबाज इस शैली से बॉलिंग करना जानता है वह तुरंत ही सभी के आकर्षण का केंद्र बन जाता है। हालांकि, क्या आपको बता है कि इस बॉलिंग स्टाइल की ईजाद गाली से हुई थी। गेंदबाजी की इस शैली को चाइनामैन नाम आज से 87 साल पहले 1993 में इंग्लैंड के मैनचेस्टर में मिला था।

क्या होती है चाइनामैन गेंदबाजी: बाएं हाथ का स्पिनर जब अपनी अंगुलियों की बजाए कलाई के जरिए गेंद को घुमाता है, तो उसे चाइनामैन गेंदबाज कहते हैं। चाइनामैन गेंदबाज की गेंद टप्पा पड़ना के बाद दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए अंदर की ओर आती है। वहीं बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए बाहर की ओर निकलती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत कम ही बॉलर रहे हैं, जिन्हें चाइनामैन गेंदबाज के तौर पर पहचान मिली।

कुलदीप यादव भारत के पहले और दुनिया के 30वें चाइनामैन गेंदबाज (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले ) हैं। वह श्रीलंका के लक्षण संदाकन के बाद एशिया के दूसरे चाइनामैन गेंदबाज हैं। कुलदीप यादव अपनी इस अनूठी शैली की बदौलत वनडे इंटरनेशनल में दो बार हैट्रिक ले चुके हैं।

चाइनामैन का अर्थ होता है चीन का इंसान। यह सही है कि चीन का क्रिकेट से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के पहले चाइनामैन गेंदबाज यानी एलिस एचॉन्ग मूलत: चीन के ही थे। उन्हें ही चाइनामैन गेंदबाजी का जनक माना जाता है।

जुलाई 1933 में मैनचेस्टर में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट मैच चल रहा था। 25 जुलाई का दिन था। वेस्टइंडीज की ओर से बाएं हाथ के स्पिनर एलिस एचॉन्ग ने गेंद फेंकी। उन्होंने कलाई के सहारे एक ऐसी गेंद डाली, जो ऑफ से लेग स्टम्प की ओर घूम गई। बल्लेबाज वाल्टर रॉबिन्स गेंद के टर्न को समझ नहीं पाए और स्टम्प आउट हो गए।

रॉबिन्स आउट होने के बाद बहुत गुस्से में थे। उन्होंने पवेलियन लौटते समय तत्कालीन अंपायर जे. हार्डस्टाफ से कहा, ‘इस ब्लडी चाइनामैन ने मुझे भ्रम में डाल दिया … और मैं आउट हो गया।’ इस बात का खुलासा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर रिची बेनो ने बाद में किया था।

इंग्लैंड के वाल्टर रॉबिन्स चाइनामैन गेंदबाज नहीं थे, लेकिन उनके मुंह से निकली गाली के बाद ही इस स्टाइल का जन्म हुआ था।

उसके बाद से ही एचॉन्ग की ऐसी गेंदों को चाइनामैन के तौर पर पहचान मिली। बाद के दिनों में बाएं हाथ के जिस किसी भी स्पिनर ने कलाई के सहारे बॉल टर्न कराने में महारत हासिल की, उसे चाइनामैन गेंदबाज कहा गया।