प्रो रेसलिंग लीग 6 साल बाद वापसी के लिए तैयार है। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) ने शनिवार (1 नवंबर) को दिल्ली में इसका उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान डब्ल्यूएफआई के पदाधिकारियों के साथ पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह भी मौजूद थे, जिनपर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। बृज भूषण ने कहा कि वह ‘खेल प्रेमी’ और ‘कुश्ती प्रेमी’ के तौर पर क्रार्यक्रम में आए हैं, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के ज्यादातर सवालों के जवाब उन्होंने ही दिए।
यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद भले ही बृज भूषण शरण सिंह को लोकसभा चुनाव का टिकट न मिला हो, वह सांसद न हों और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कह दिया हो कि वह कुश्ती से संन्यास ले चुके हों, लेकिन प्रो रेसलिंग लीग के उद्घाटन समारोह में डब्ल्यूएफआई की सच्चाई सामने आ गई। डब्ल्यूएफआई में अभी भी उनका दबदबा है। इसके अध्यक्ष संजय सिंह ने लीग के भविष्य के सवाल पर यहां तक कह दिया, “बाबा विश्वनाथ की कृपा से ये सालों साल चलेगी, बाकी नेताजी (बृज भूषण) का आशीर्वाद है।”
भारतीय कुश्ती संघ स्वतंत्र रूप से काम कर रहा
बृज भूषण ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “आज मुझे प्रसन्नता हो रही है मेरे पास कोई जिम्मेदारी नहीं है। भारतीय कुश्ती संघ अपना स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है। लेकिन मैं खेल प्रेमी हूं। कुश्ती का प्रेमी हूं। मुझको भी इन लोगों ने आमंत्रित किया कि आप आइए अच्छा रहेगा और मैं आया।”
पर्दे के पीछे से बहुत कुछ होता है
बृज भूषण से प्रो रेसलिंग लीग में उनके रोल के बारे में सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि उनकी लीग और डब्ल्यूएफआई में उनकी कोई भूमिका नहीं है। वह सिर्फ ‘खेल प्रेमी’ और कुश्ती प्रेमी होने के नाते आ आए हैं। उनसे यह हक कोई नहीं छीन सकता। पर्दे के पीछे से भूमिका निभाने के सवाल पर वह हंसते हुए बोले कि पर्दे के पीछे से बहुत कुछ होता है।
बृजभूषण के खिलाफ लामबंद पहलवानों को भी लीग में हिस्सा लेने की अनुमति
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह सवाल हुआ कि क्या बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को भी लीग में हिस्सा लेने कि अनुमति होगी? बृजभूषण ने खुद ही कहा कि उन पहलवानों को हिस्सा लेने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा, ” किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा। अगर कोई खिलाड़ी है खेलना चाहते हैं तो हम अध्यक्ष जी से कहेंगे उनको मौका दें।”
प्रो रेसलिंग लीग के बारे में जानें
प्रो रेसलिंग लीग की शुरुआत 2015 में हुई थी। 2019 में कोरोना महामारी और पैसों की कमी के कारण इसे बंद करना पड़ा था। लीग में छह टीमें होंगी। एक टीम में 9 खिलाड़ी होंगे। इनमें से 4 महिला पहलवान होंगी। लीग के सीईओ अखिल गुप्ता हैं।
