इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन को निष्कासित किए जाने के मामले में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हस्तक्षेप किया है। उनका कहना है कि इंग्लैंड बोर्ड को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। इससे पहले जॉनसन के संस्कृति एवं खेल सचिव ने कहा कि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड को 2012 में नस्लवादी और लिंगभेदी ट्वीट पोस्ट करने के लिए रॉबिन्सन के निलंबन पर फिर से सोचना चाहिए। जॉनसन ने संस्कृति एवं खेल सचिव के इस बयान का समर्थन किया है।

संस्कृति एवं खेल सचिव ओलिवर डोडेन ने सोमवार को कहा कि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने 2012 में पोस्ट नस्लवादी और लिंगभेदी ट्वीट के लिए रॉबिन्सन को निलंबित करके बेहद कड़ी सजा दी। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज रॉबिन्सन को किशोरावस्था में भेदभावपूर्ण ट्वीट करने के लिए जांच लंबित रहने तक रविवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से निलंबित कर दिया गया। डोडेन ने कहा, ‘‘ओली रॉबिन्सन के ट्वीट आपत्तिजनक और गलत थे। साथ ही वे एक दशक पुराने हैं और उसने किशोरावस्था में लिखे थे। वह किशोर अब पुरुष बन चुका है और सही कदम उठाते हुए उसने माफी भी मांग ली। ईसीबी ने उसे निलंबित करके हद पार कर दी और उन्हें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।’’

जॉनसन के आधिकारिक प्रवक्ता ने इसके बाद सोमवार को कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ओलिवर डोडेन की टिप्पणियों का समर्थन करते हैं जो उन्होंने आज सुबह ट्वीट के माध्यम से की। जैसा कि डोडेन ने कहा, यह बातें लगभग एक दशक पहले किशोरावस्था में की गयी थी, उसके लिए उसने माफी मांग ली।’’डोडेन ब्रिटेन सरकार में संस्कृति, खेल, मीडिया एवं डिजिटल सचिव हैं। वह 2015 से हर्ट्समेयर से संसद के सदस्य हैं।

लार्ड्स में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण के पहले दिन पिछले बुधवार को रॉबिन्सन के ट्वीट सामने आए थे। रोबिनसन ने हालांकि मैदान पर शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच में सात विकेट चटकाए। पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद 27 साल के रॉबिन्सन ने माफी मांगते हुए कहा था कि 18 साल की उम्र में जब उन्होंने ये नस्लवादी ट्वीट किए थे तो वह जीवन में मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। उनकी माफी के बावजूद हालांकि ईसीबी ने पहले टेस्ट के बाद उन्हें निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक जांच शुरू की।