भारत ने बुधवार 20 नवंबर 2024 की शाम बिहार के राजगीर में दीपिका के गोल की बदौलत चीन के खिलाफ फाइनल में 1-0 से जीत हासिल कर तीसरी बार महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीती। साउथ कोरिया के साथ भारत अब इस टूर्नामेंट का सबसे ज्यादा 3 बार खिताब जीतने वाला देश है। महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारत ने 7 में से 6 मैच में क्लीन शीट (एक भी गोल नहीं खाया) हासिल की।

बिहार सरकार ने भारतीय महिला हॉकी टीम की हर खिलाड़ी को 10 लाख रुपये का पुरस्कार देने का फैसला किया। फाइनल मैच के बाद जारी बयान में कहा गया, ‘टीम की हर खिलाड़ी को टूर्नामेंट के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 10 लाख रुपये मिलेंगे। मुख्य कोच हरेंद्र सिंह को 10 लाख, जबकि शेष सहयोगी स्टाफ को 5-5 लाख रुपये मिलेंगे।’

भारतीय महिला टीम को भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं: नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘मुख्यमंत्री ने भारतीय टीम के खेल की सराहना की, विशेषकर चीन के साथ फाइनल मैच के दौरान। यह बिहार में भारतीय महिला हॉकी टीम की ऐतिहासिक जीत है, जहां पहली बार इस तरह का टूर्नामेंट आयोजित किया गया। इसने हर भारतीय के दिल को गर्व से भर दिया है। टीम की सभी खिलाड़ियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया और बहुत अनुशासित तरीके से खेला।’

बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया, ‘यह जीत सभी भारतीयों के लिए गर्व और गौरव की बात है। सभी टीम सदस्यों को मेरी हार्दिक बधाई।’ बाद में मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘राज्य सरकार विजेता टीम की सभी सदस्यों और मुख्य कोच को 10-10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देगी। टीम के सहयोगी स्टाफ के हर सदस्य को भी 5-5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। भारतीय महिला टीम को भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं।’

महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारत के अधिकांश मुकाबलों की तरह फाइनल में भी दीपिका ने गोल किया, जो टूर्नामेंट में उनका 11वां गोल था। वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करने वाली खिलाड़ी बनीं। दीपिका प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुनी गईं। हालांकि, बेहतर टीम होने के बावजूद भारत पिछले तीन मुकाबलों की तरह फिर पहले हाफ में गोल करने में विफल रहा। उन्हें पेनल्टी कॉर्नर से मौके मिले।

रिवर्स हिट से दीपिका ने खोला भारत का खाता

दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत का खाता खुला। दीपिका ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके खचाखच भरे बिहार खेल यूनिवर्सिटी स्टेडियम में मौजूद दर्शकों में उत्साह का संचार कर दिया। भारत को लालरेम्सियामी ने पेनल्टी कॉर्नर दिलाया। सुशीला चानू शुरुआत में पेनल्टी कॉर्नर इंजेक्शन को ठीक से रोकने में विफल रहीं, लेकिन गेंद सर्कल के भीतर ही थी और नवनीत की स्टिक से डिफ्लैक्ट होकर दीपिका के पास पहुंची।

दीपिका सर्कल में बाएं हाथ की ओर थीं। उन्होंने इंतजार किया, समय लिया और फिर रिवर्स हिट से जोरदार शॉट मारा जो दूर कोने में जाकर चीनी गोलकीपर को चकमा दे गया। इसके तुरंत बाद, भारत को बढ़त को दोगुना करने का मौका मिला, क्योंकि सर्कल के अंदर दीपिका को पुश करने के लिए पेनल्टी स्ट्रोक दिया गया था।

दीपिका ने पेनल्टी स्ट्रोक पर मौका गंवाया

दीपिका ने स्पॉट से कदम बढ़ाया और गोलकीपर के दाईं ओर एक लो शॉट लगाया, लेकिन ली टिंग ने दाहिनी ओर डाइव लगाई और पूरी ताकत से अपने दस्ताने को गेंद के आगे लगा दिया। भारत को इसके बाद एक और पेनल्टी कॉर्नर का मौका मिला, लेकिन सुशीला के मिसट्रैप के कारण वह इस मौके का फायदा नहीं उठा सका। यह भारत की तीसरी एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी है। पिछले साल रांची में जीते गए खिताब का सफलतापूर्वक बचाव करने के बाद उनका लगातार दूसरा खिताब। हरेंद्र सिंह के इस युग के पास अब आगे बढ़ने के लिए एक वास्तविक आधार है।

भारत को चौथे क्वार्टर में भी एक पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन वैरिएशन का कोई नतीजा नहीं निकला। पहले हाफ में हालांकि भारतीय टीम 8 बार चीन के सर्कल में घुसी, लेकिन चीनी टीम ने भारतीय खिलाड़ियों को गेंद आसानी से नहीं लेने दी। भारतीय खिलाड़ी फिर फिनिशंग टच के लिये जूझते रहे।

पहले हाफ में भारत नहीं कर पाया 1 भी गोल

जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में 16 पेनल्टी कॉर्नर में से एक भी तब्दील नहीं कर पाई भारतीय टीम की कमजोरी फाइनल में पहले 30 मिनट में फिर देखने को मिली। उसे मिले 4 पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए। भारत के पास चौथे मिनट में गोल करने का मौका था जब सुनेलिता टोप्पो दाहिने फ्लैंक से अकेले गेंद लेकर आगे बढ़ीं, लेकिन उनके प्रयास को चीनी गोलकीपर ने नाकाम कर दिया। दूसरे क्वार्टर में तीसरे ही मिनट में चीन को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन तान झिंझुयांग के शॉट को भारतीय गोलकीपर बिछू देवी ने दाहिने ओर डाइव लगाकर बचाया और रिबाउंड पर भी गोल नहीं होने दिया।

भारत पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने से कई बार चूका

इस बीच भारत को 20वें से 21वें मिनट के भीतर मिले चार पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए। पहले पर दीपिका का शॉट गोलपोस्ट के ऊपर से निकल गया, जबकि दूसरा गोलकीपर ने और तीसरा डिफेंडर ने बचाया। चौथे पेनल्टी कॉर्नर पर वैरिएशन भी असफल रहा। चीन को 23वें मिनट में दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन गोल नहीं हो सका। ब्रेक से तीन मिनट पहले भारत के पास खाता खोलने का मौका था, लेकिन लालरेम्सियामी के पास पर शर्मिला का शॉट बार से टकराकर निकल गया। तीसरे स्थान के मुकाबले में जापान ने मलेशिया को 4-1 से हराया।