पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान में अंडर-19 क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ का दबाव आखिरकार काम आ ही गया। बीसीसीआई ने द्रविड़ की मांग को स्वीकार करते हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम के स्टाफ को एक्स्ट्रा पैसे देने का फैसला किया है। दरअसल, टीम द्वारा वर्ल्ड कप जीतने के बाद राहुल द्रविड़ को 50 लाख रुपए दिए जा रहे थे, जबकि टीम के बाकी स्टाफ को 20-20 लाख और सभी क्रिकेटर्स को 30-30 लाख रुपए मिल रहे थे। इस पर द्रविड़ ने एतराज जताते हुए बोर्ड से स्टाफ मेंबर्स के साथ इस तरह का भेदभाव न करने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने पुरस्कार राशि में भी समानता लाने की बात कही थी।
राहुल द्रविड़ के ही दबाव का ही नतीजा है कि बोर्ड को नकद पुरस्कारों की सूची को संशोधित करना पड़ा। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब कोचिंग स्टाफ के सभी सदस्यों को, जिनमें द्रविड़ भी शामिल हैं, उन्हें 25-25 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा बीसीसीआई ने लाभार्थियों की सूची को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। बोर्ड ने अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम की साल भर की तैयारी के दौरान सहायता स्टाफ का हिस्सा रहे लोगों का भी नाम इसमें शामिल कर लिया है। इस फैसले के बाद अब इस सूची में टीम ट्रेनर राजेश सावंत का नाम भी जोड़ लिया गया है। आपको बता दें कि पिछले साल राजेश सावंत का निधन हो गया था, अब उनके परिवार को बोर्ड पैसे देगा।
बोर्ड के एक सदस्य ने बताया, ‘जब पुरस्कार राशि की घोषणा की गई तब राहुल द्रविड़ इससे खुश नहीं थे। उन्हें यह बुरा लग रहा था कि टीम के बाकी स्टाफ को उनसे कम पैसे मिल रहे हैं। द्रविड़ ने बोर्ड से कहा कि उन्हें लगता है कि वर्ल्ड कप जीतने में हर स्टाफ मेंबर का एक जैसा रोल था, इसलिए सभी को एक समान पैसे मिलने चाहिए। उन्होंने अपनी पुरस्कार राशि तक से पैसे काटने की बात कह डाली थी, इस बात से बोर्ड को काफी आश्चर्य हुआ था।’ आपको बता दें कि वर्ल्ड कप जीतने के बाद राहुल द्रविड़ ने मीडिया को संबोधित करते हुए जीत का श्रेय टीम के स्टाफ के प्रत्येक सदस्य को दिया था।