बांग्लादेश के स्टार ऑलराउंडर शाकिब अल हसन फिर बुरे फंस गए हैं। वह अब सट्टेबाजी फर्म के साथ स्पॉन्सरशिप डील (साझेदारी) नहीं कर पाएंगे। यही नहीं, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) उन्हें नोटिस भी भेजेगा। इसके अलावा उनकी हालिया सोशल मीडिया पोस्ट की जांच होगी। बीसीबी अध्यक्ष नजमुल हसन ने गुरुवार 4 अगस्त 2022 को बोर्ड की बैठक के बाद यह जानकारी दी।

नजमुल हसन ने कहा कि बोर्ड शाकिब को सौदे की जानकारी नहीं देने के लिए नोटिस देंगा। बीसीबी शाकिब अल हसन की उस हालिया सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करेगा, जिसमें दिग्गज ऑलराउंडर ने बेटविनर न्यूज नामक कंपनी के साथ अपनी स्पॉन्सरशिप डील (साझेदारी) का ऐलान किया था।

बांग्लादेश के जिम्बाब्वे के खिलाफ तीसरा टी20 मैच हारने के तुरंत बाद शाकिब अल हसन ने मंगलवार 2 अगस्त 2022 को ट्विटर पर इसकी घोषणा की थी। शाकिब ने शुरू में ट्वीट को डिलीट कर दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद उन्होंने इसे दोबारा पोस्ट किया था।

बांग्लादेश का मौजूदा कानून जुए की सुविधा देने वाले किसी भी कंपनी या प्रतिष्ठानों पर कड़े प्रतिबंध लगाता है। जुए के कारोबार को काम करने देना कानून के साथ-साथ देश के संविधान का भी उल्लंघन है।

नजमुल हसन ने कहा, ‘दो चीजें हैं। पहली तो उनके पास मंजूरी लेने का कोई रास्ता नहीं है, क्योंकि हम नहीं देंगे। अगर सट्टेबाजी से संबंधित कुछ भी है तो हम कोई अनुमति नहीं देंगे। दूसरा, हमें यह जानना होगा कि क्या उन्होंने वास्तव में किसी सौदे पर हस्ताक्षर किए थे या नहीं।’

उन्होंने बताया, ‘बोर्ड की आज की बैठक में यह मुद्दा उठाया गया। हमने कहा कि यह कैसे हो सकता है, क्योंकि यह असंभव है। अगर ऐसा होता है तो शाकिब से तुरंत पूछें। उन्हें नोटिस दें। ताकि इस मामले पर उनसे पूरी जानकारी हासिल हो सके। यदि यह सट्टेबाजी से संबंधित है तो हम दावे के साथ कहते हैं कि हम इसकी मंजूरी नहीं देंगे।’

उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश का कानून इसकी मंजूरी नहीं देता है। यह एक गंभीर मुद्दा है। हालांकि, हम केवल एक सोशल मीडिया (फेसबुक/ट्विटर) पोस्ट पर भरोसा नहीं कर सकते हैं, इसलिए हमें इसके बारे में पता लगाने के लिए जांच करनी होगी।’

ढाका स्थित बंगाली समाचार पत्र कालेर कंठो के साथ साक्षात्कार में बीसीबी के मुख्य कार्यकारी निजामुद्दीन चौधरी ने भी कहा कि वह भी शाकिब अल हसन से स्पष्टीकरण मांगेंगे। शाकिब अल हसन को 2019 में एक साल के लिए सभी प्रकार के क्रिकेट से प्रतिबंधित कर दिया गया था। तब उन्होंने आईसीसी के भ्रष्टाचार-विरोधी कोड के उल्लंघन के तीन आरोपों को स्वीकार किया था।