विश्‍व क्रिकेट में शेन वार्न को ‘कलाइयों का जादूगर’ कहा जाता है। क्रिकेट में स्पिनर्स पर कोई भी चर्चा हो, वार्न का जिक्र किए बिना उसका पूरा होना असंभव है। टेस्‍ट और वनडे क्रिकेट मिलाकर 1,000 से विकेट्स लेने वाले वार्न को दुनिया का महानतम स्पिनर माना जाता है। जब वार्न ने क्रिकेट में पदार्पण किया तो उन्‍हें समझ पाने में बड़े-बड़े बल्‍लेबाजों को खासी परेशानी हुई। वार्न की लेग-ब्रेक्‍स के अलावा गुगली भी बेहद खतरनाक गेंद मानी जाती है। दुनिया ने वार्न की जादुई गेंदबाजी तब देखी जब 1994 में उन्‍हें पहली बार इंग्‍लैंड के खिलाफ एशेज श्रृंखला में खेलने का मौका मिला। 1994 एशेज से पहले वार्न ने 10 टेस्‍ट मैचों में 31 विकेट हासिल किए थे। भारत के खिलाफ अपने डेब्‍यू मैच में वार्न ने 150 रन देकर सिर्फ एक विकेट हासिल किया था।

इंग्‍लैंड ने ग्राहम गूच और माइकल आ‍र्थटन के बीच 71 रनों की शानदार साझेदारी के जरिए अच्‍छी शुरुआत की थी। जब माइकल को मर्व ह्यूज ने अपना शिकार बनाया तो क्रीज पर माइक गैटिंग उतरे। तभी ऑस्‍ट्रेलियाई कप्‍तान एलन बॉर्डर ने वार्न को एक छोर से गेंदबाजी पर लगा दिया। गैटिंग को फेंकी गई वार्न की पहली गेंद ही ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ के नाम से मशहूर है। गेंद ऑफ-स्‍टंप से शुरू होकर लेग-साइड के बाहर पिच हुई, उसके बाद गेंद आश्‍चर्यजनक तरीके से घूमी और गैटिंग के ऑफ-स्‍टंप से जा टकराई। गेंद पिच के सूखे और कड़े हिस्‍से पर पड़ी थी और गैटिंग कुछ मिली-सेकेंडों तक उसे टर्न होते देखते रहे। उन्‍होंने अपना पैर फैलाकर गेंद तक पहुंचाने की कोशिश की मगर पूरी तरह मिस कर गए।

इस उपलब्धि के 25वें साल में, अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने वार्न की एक क्लिप जारी की है। जिसमें वार्न कहते हैं, ”एक लेग-स्पिनर के तौर पर आप हमेशा एक परफेक्‍ट लेग-ब्रेक डालने की कोशिश करते हैं और मैं यह पहली बार में कर सका, जो कि शानदार रहा। इससे मेरी पूरी जिंदगी बदल गई। यह उन गेंदों में से थी जो सभी लेग-स्पिनर्स फेंकना चाहेंगे और मुझे गर्व है कि मैंने यह फेंकी और वह भी माइक गैटिंग जैसे खिलाड़ी की, जो बेहतरीन खिलाड़ी थे।”