रोजर फेडरर आज ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट से बाहर हो गये जो कि 2001 के बाद उनका यहां सबसे खराब प्रदर्शन है लेकिन राफेल नडाल, एंडी मर्रे और मारिया शारापोवा आगे बढ़ने में सफल रहे।
टूर्नामेंट के सबसे बड़े उलटफेर में स्विट्जरलैंड के विश्व में नंबर दो खिलाड़ी के पास इटली के गैरवरीय आंद्रियास सेप्पी का कोई जवाब नहीं था। फेडरर ने सेप्पी के खिलाफ इससे पहले अपने दस मुकाबले जीते थे।
फेडरर ने रोड लेवर एरेना पर लगभग तीन घंटे तक चले मैच में सेप्पी के हाथों 6-4, 7-6, 4-6, 7-6 से हार के बाद कहा, ‘‘यह बुरा दिन था। मैं बेहतर खेल सकता था लेकिन पहले दो सेट गंवाने के कारण मुश्किल बढ़ गयी। मेरे पास वापसी का मौका था लेकिन मैं उन्हें चूक गया।’’
यह पिछले 14 वर्षों में पहला अवसर है जबकि 17 बार के ग्रैंडस्लैम विजेता को मेलबर्न से इतनी जल्दी विदाई लेनी पड़ी। विंबलडन में 2013 में दूसरे दौर की हार को छोड़ दिया जाए तो यह स्विस दिग्गज की एक दशक से भी अधिक समय में ग्रैंडस्लैम में सबसे बुरा प्रदर्शन है।
अपने पांचवें ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब की कवायद में लगे फेडरर ने 2012 में विंबलडन के बाद कोई ग्रैंडस्लैम खिताब नहीं जीता है। उन्होंने खराब शुरुआत की और पहले सेट में सेप्पी ने उनकी सर्विस तोड़कर 5-4 की बढ़त हासिल कर ली। विश्व में 46वें नंबर के सेप्पी ने कहा, ‘‘मैंने केवल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की और रोजर के खिलाफ जीत दर्ज करना, निश्चित तौर पर यह मेरे सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक था।’’
इसके विपरीत नडाल ने फिर से अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म का परिचय देते हुए इस्राइल के डुडी सेला को आसानी से 6-1, 6-0,
7-5 से पराजित किया। उन्हें दूसरे दौर में पांच सेट तक जूझना पड़ा था।
नडाल ने बाद में कहा, ‘‘उस रात मैंने कोर्ट पर कुछ मुश्किल समय बिताया। मैं भाग्यशाली था कि आगे बढ़ने में सफल रहा। आज मैंने अच्छा खेल दिखाया। मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं।’’
शारापोवा ने भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने कजाखस्तान की जारिना डियाज को 6-1, 6-1 से हराया। इससे उन्होंने भी दूसरे दौर की कड़वीं यादें मिटा दी जब उन्होंने दो मैच प्वाइंट बचाये थे।
छठी वरीयता प्राप्त मर्रे ने अपनी फॉर्म जारी रखी और फिर से सीधे सेटों में जीत दर्ज की। उन्होंने पुर्तगाल के जोओ सोसा को 6-1, 6-1, 7-5 से हराकर चौथे दौरे में प्रवेश किया। स्कॉटलैंड के इस खिलाड़ी का अगला मुकाबला बुल्गारिया के दसवीं वरीय ग्रिगोर दिमित्रोव से होगा।
मारिया शारापोवा के पुरुष मित्र दिमित्रोव ने 2006 के उप विजेता मार्कोस बागदातिस को पांच सेट तक चले मुकाबले में 4-6, 6-3, 3-6, 6-3, 6-3 से हराया।
मर्रे इस तरह से लगातार सातवें साल अंतिम सोलह में जगह बनाने में सफल रहे। वह अपने पहले ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब की कवायद में लगे हैं। मर्रे 2010 के फाइनल में फेडरर जबकि 2011 और 2013 में नोवाक जोकोविच से हार गये थे।
मर्रे ने बाद में कहा, ‘‘मैं रोजर और नोवाक से यहां कुछ अवसरों पर हार गया था। यहां खचाखच भरे स्टेडियम में खेलने में मजा आता है। ग्रिगोर ने पिछले दो वर्षों में अपने खेल में काफी सुधार किया है और यह रोमांचक मैच होना चाहिए।’’
थॉमस बर्डिच ने भी अंतिम सोलह में जगह बना ली। उन्होंने सर्बिया के विक्टर ट्रोइस्की को सीधे सेटों में 6-4, 6-3, 6-4 से पराजित किया। ऑस्ट्रेलिया के बर्नार्ड टोमिच ने हमवतन सैम ग्रोथ को 6-4, 7-6, 6-3 से और दक्षिण अफ्रीका के 14वीं वरीय केविन एंडरसन ने फ्रांस के 24वीं वरीयता प्राप्त रिचर्ड गास्केट को 6-4, 7-6, 7-6 से हराया।
महिलाओं के वर्ग में कनाडा की उदीयमान स्टार और सातवीं वरीय इयुगेनी बूचार्ड ने भी अगले दौर में जगह बना ली है लेकिन उन्हें फ्रांस की कैरोलिन गर्सिया को 7-5, 6-0 से हराने में थोड़ा संघर्ष करना पड़ा।
बूचार्ड को महिला वर्ग में सेरेना विलियम्स और शारापोवा का स्थान लेने का दावेदार माना जा रहा है जबकि पुरुष वर्ग में दिमित्रोव को इस दौड़ में सबसे आगे गिना जा रहा है।
तीसरी वरीयता प्राप्त हालेप को अमेरिका की विश्व में 258वें नंबर की बैथेनी माटेक सैंड्स के खिलाफ पसीना बहाना पड़ा। पिछले साल मेलबर्न पार्क में क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली 23 वर्षीय हालेप ने 6-4, 7-5 से जीत दर्ज की और उनका अगला मुकाबला बेल्जियम की यानिना विकमेयर से होगा।
महिला वर्ग में ही दसवीं वरीयता प्राप्त रूसी खिलाड़ी इकटेरिना माकरोवा ने चेक गणराज्य की कारोलिना पिल्सकोवा को 6-4, 6-4 से हराकर अंतिम 16 में प्रवेश किया।
चीन की 21वीं वरीय पेंग शुहाई, रोमानिया की इरिना कैमिला बेगु और बेल्जियम की यानिना विकमेयर भी आगे बढ़ने में सफल रही। गैर वरीय यानिना ने इटली की 14वीं वरीय सारा ईरानी को 4-6, 6-4, 6-3 से उलटफेर का शिकार बनाया।