ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर ने अपने काम और परिवार के बीच सामंजस्य बैठाने के दौरान आने वाली परेशानियों के बारे में पहली बार खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उनके काम के पहले छह महीने इतने तनावपूर्ण थे कि विराट कोहली की भारतीय टीम जब यहां पहली टेस्ट और वनडे सीरीज जीतने के करीब थी तो उनकी पत्नी स्यू रोने लगी थीं।

एक अगस्त से शुरू हो रही एशेज सीरीज से पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कोच ने क्रिकेट वेबसाइट ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से अपने दिल का दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि गेंद से छेड़छाड़ (बॉल टैम्परिंग) प्रकरण से जूझ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम की पिछले साल जिम्मेदारी संभालने का उन पर असर पड़ा। विशेषकर यहां भारत के खिलाफ ड्रॉ हुए चौथे टेस्ट के दौरान।

लैंगर ने कहा, ‘मैं अपनी पत्नी को तब से जानता हूं जब मैं 14 बरस का था। वे मेरे बारे में सब कुछ जानती हैं। उस दिन वे जा रहे थे और हम सुबह 8 बजे नाश्ता कर रहे थे। मेरी पत्नी ने बेटियों के सामने ही टेबल पर रोना शुरू कर दिया।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने पूछा कि यह क्या हो रहा है। मैंने अपनी पत्नी को कभी रोते हुए नहीं देखा था।’

लैंगर ने बताया, ‘मेरी पत्नी ने मुझसे कहा- यहां जो हो रहा है वह मुझे पसंद नहीं है, आपके साथ जो हो रहा है वह मुझे पसंद नहीं। इसका हम पर जो असर हो रहा वह मुझे पसंद नहीं, लोगों का बर्ताव अच्छा नहीं था, लोग तुम्हारे, टीम और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में बारे में काफी कुछ कह रहे थे। यह मेरे लिए आंखे खोलने वाला लम्हा था, इससे मेरा परिवार प्रभावित हो रहा था।’ लैंगर जब हाईस्कूल में थे, तभी उनका स्यू से अफेयर हो गया था। लैंगर की मां को ओवेरीअन (गर्भाशय) का कैंसर था। लैंगर के मुताबिक, मां की कैंसर की बीमारी के दौरान मेडिटेशन और ईश्वर पर विश्वास ने उन्हें बहुत संबल प्रदान किया।

भारत ने टेस्ट और वनडे सीरीज दोनों ही 2-1 के समान अंतर से जीती थीं। लैंगर का मानना है कि ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल के टेस्ट भविष्य पर एक पत्रकार के साथ तनावपूर्ण बहस एक अन्य घटना है जिससे उन्हें लगा कि काम का दबाव काफी अधिक है।