अपने शुरुआती मुकाबले में दाहिनी आंख पर सूजन का सामना करने वाले विशाल कालीरमन ने एशियन गेम्स के लिए हुए रेसलिंग ट्रायल में 65 किग्रा में जीत दर्ज की और इस वर्ग में भारत का प्रतिनिधि बनने का अपना अधिकार अर्जित करने के लिए पूरा जोर लगाने की बात कही। इस वर्ग में बजरंग पूनिया को पहले ही सीधे प्रवेश दिया जा चुका है। बजरंग को दी गई छूट के खिलाफ उच्च न्यायालय में अर्जी देने वाले सुजीत क्वार्टर फाइनल में अनुभवी रोहित के सामने दमखम नहीं दिखा सके।

रोहित के खिलाफ विशाल ने खेला था फाइनल

फाइनल में विशाल और रोहित के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें हिसार के पहलवान विशाल ने 1-4 ने शुरुआत में पिछड़ने के बावजूद 9-6 से जीत दर्ज की। पच्चीस साल के कालीरमन ने कहा, ‘‘ मैं बस आज ट्रायल्स में जीतना चाहता था। अगर आज बजरंग भी होता तो भी मैं जीत जाता। मैंने जीतने की ठान ली थी। हम उनकी उपलब्धियों के लिए उनका सम्मान करते हैं लेकिन वे जो कर रहे हैं उससे जूनियर खिलाड़ियों का करियर बर्बाद हो सकता है।’’ वह यह मानने को तैयार नहीं थे कि ट्रायल जीतने के बाद वह 65 किग्रा में सिर्फ स्टैंड-बाय बनकर रहेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम इसके खिलाफ लड़ेंगे, अगर हमें उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा तो हम जाएंगे। हम 15 साल से प्रशिक्षण ले रहे हैं। वे उसे (बजरंग) इस तरह प्रवेश नहीं दे सकते।’’ कालीरमन के माता-पिता ने छूट के फैसले को पलटने के लिए हिसार में और ओलंपिक भवन के बाहर भी प्रदर्शन किया था।

बजरंग-विनेश के खिलाफ पहलवान

उन्होंने कहा, ‘‘हमने बजरंग और विनेश को उनके विरोध में समर्थन दिया था। उन्होंने कहा था कि विरोध जूनियर पहलवानों के लिए है और अब वे जूनियरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वे हमें धोखा दे रहे हैं। हम इस अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे।’’ उनकी मां राजबाला ने कहा, ‘‘ मैं कई दिनों तक अपने बेटे से बात भी नहीं करती क्योंकि मैं उसकी ट्रेनिंग में कोई खलल नहीं डालना चाहती। मैं अपने बेटे को कई सप्ताह और महीनों तक नहीं देख पाती क्योंकि वह सीखने और बड़े मंच पर प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर रहा है। अब जब उससे यह मौका छीना जा रहा है, तो हम क्या करें?’’

योगेश्वर दत्त ने किया ट्वीट

ओलंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त ने भी विशाल और अंतिम को मौका देने की अपील की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘एशियन गेम्स के लिए कुश्ती की महिला और पुरुष वर्ग में आईओए द्वारा बनाई गई एडहॉक समिति के निर्देशों अनुसार सिलेक्शन ट्रायल करवाया गया है जिसनें पुरुष वर्ग के 65 Kg और माहिलाओं के 53 किलोग्राम के खिलाड़ी अंतिम पंघाल और विशाल कालीरमन को ट्रायल में जीतने के बावजूद इसलिए नहीं चुना गया क्योंकि इन भार वर्गों में कमेटी द्वारा पहले ही नाम फाइनल किए जा चुके हैं। कुश्ती हिंदुस्तान का वह सबसे प्राचीन और विश्वसनीय ख़ेल है जिसके आराध्य भगवान श्री राम जी के भक्त, हनुमान जी को माना जाता है। इसलिए एड हॉक समिति के सभी माननीय सदस्यों से मेरा एक बार फिर आग्रह है कि बिना ट्रायल के नामों को भेजने का फ़ैंसला #कुश्ती की पवित्रता और विश्वसनीयता को ध्यान में रखकर करें। ‘