एशियन गेम्स 2023 की शुरुआत में कुछ ही समय बचा है। 23 सितंबर से 8 अक्टूबर के बीच एशिया के टॉप एथलीट्स चीन में अपने श्रेष्टता साबित करने पहुंचेंगे। एशियाई खेल में कई बार ऐसा मौके आए जब खिलाड़ियों को लेकर देश आमने-सामने आ गए। साल 2010 में भी ऐसा ही कुछ हुआ जब एक मोजे के कारण चीन और ताइवान आमने-सामने आ गए।
यैंग को किया गया था डिसक्वालिफाई
इस विवाद की शुरुआत हुई एक ताइकवांडो मैच से। ताइवान की यैंग शू चुन का सामना वियतनाम की वू थी हाऊ। मैच का पहला राउंड खत्म होने में महज 12 सेकंड का समय बचा था तभी एशियाई ताइकवांडो फेडरेशन के अध्यक्ष जाओ ले ने रेफरी से यैंग की ऐढ़ी चेक करने को कहा। रेफरी को कुछ भी विवादित नहीं मिला। इसके बाद यैंग के कोच की कुर्सी के नीचे कुछ सेंसर दिखाई दिए। इसके बाद कुछ देर तक चर्चा हुई और आखिकार वियतनाम की वू को 12-0 से विजेता घोषित किया।
यैंग ने किया था विरोध
यैंग और उनके कोच इस फैसले से काफी नाराज हो गए। दोनों एक घंटे तक मैट पर बैठे रहे और विरोध जताया। इसके बाद वर्ल्ड ताइकवांडो समिति ने उन्हें धमकी दी कि अगर वह नहीं उठेंगे तो वह ताइवान के सभी खिलाड़ियों को डिसक्वालिफाई कर दिया जाएगा। उस समय यैंग को डिसक्वालिफाई करने की वजह नहीं बताई गई लेकिन बाद में खबरें आईं कि यैंग के मोजे में सेंसर था जो कि वैध्य नहीं था। वहीं यैंग का कहना था कि उन्हें या उनके फेडरेशन को बताया नहीं गया था कि सेंसर बदल दिए गए हैं। रेफरी के फैसले का विरोध करने के कारण यैंग को चार महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया और उनके कोच पर 20 महीने का बैन लग।
चीन और वियतनाम आए आमने-सामने
यैंग के साथ हुई नाइंसाफी के बाद ताइवान में हंगामा मच गया। राजनीतिक पार्टियों से लेकर आम जनता तक हर कोई यैंग का समर्थन करना लगा। यह मुद्दा विदेशी मुद्दा तब बन गया जब चीन सु लिन वेन की खिलाड़ी को गोल्ड मेडल हासिल किया। दरअसल यैंग की मोजे चेक करवाने वाले एशियाई ताइकवांडो फेडरेशन अध्यक्ष जाओ चीन के थे। ताइवान के राजनेताओं ने आरोप लगाया कि यैंग को इसी कारण डिसक्वालिफाई किया गया ताकि चीन की खिलाड़ी जीत पाए। वहीं चीन ने ऐसे आरोपों से साफ इनकार किया। उन्होंने ताइवान को हार से बौखलाया हुआ बताया। दोनों के बीच राजनीतिक रिश्तों में खट्टास आ गई।