ओलंपिक और वर्ल्ड चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने एशियन गेम्स 2023 के जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता वहीं पहली बार एशियन गेम्स में हिस्सा ले रहे किशोर जेना ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। भारत की इस खुशी में ग्रहण लगाने की भी कोशिश हुई लेकिन आखिरकार जीत भारतीय खिलाड़ियों के आत्मविश्वास की हुई। चीन ने इस इवेंट में भी बेईमानी की कोशिश की लेकिन वह कुछ नहीं कर पाए।

थ्रो की शुरुआत नीरज चोपड़ा से हुई थी। उन्होंने अपने पहले थ्रो में 85 से पार की दूरी तय की थी। नीरज थ्रो के बाद बहुत जोश में दिखाई दिए। ऐसा लगा कि हर बार की तरह नीरज ने इस बार भी पहले ही थ्रो से काम कर दिया। नीरज और तमाम फैंस बेताबी से पहले थ्रो की दूरी जानने का इंतजार कर रहे थे। इंतजार बढ़ता रहा और आखिरकार चीन के आयोजकों ने कहा की तकनीकी खराबी के कारण नीरज का पहला थ्रो रिकॉर्ड नहीं हुआ।

नीरज पर हुआ असर

ऐसा लगा कि आयोजक जानबूझ कर नीरज की एकाग्रता को भंग करने की कोशिश कर रहे थे।नीरज को फिर से पहला थ्रो लेने के लिए कहा गया। इस पूरे विवाद का असर नीरज के पहले थ्रो में भी नजर आया। नीरज ने जब अपना पहला थ्रो दोबारा लिया तो वह केवल 82.38 की ही दूरी हासिल कर सके। सिर्फ नीरज ही नहीं बल्कि किशोर जेना की लय भी तोड़ने की कोशिश की।

जेना के थ्रो को दिया गया फाउल

जेना के साथ भी बेईमानी की कोशिश की गई। उनका दूसरा थ्रो 79.76 मीटर का था। हालांकि रेफरी ने इसे फाउल करार दिया। नीरज भी वहीं खड़े थे और जैसे ही रेफरी ने फाउल करार दिए वह फौरन उनके पास पहुंचे। नीरज और जेना दोनों को विश्वास था कि वह थ्रो फाउल नहीं था। नीरज के कहने पर जेना ने वीडियो रेफरल के लिए अपील दायर की। रेफरल में साफ नजर आया कि जेना का पैर लाइन से बाहर नहीं गया था। इसके बाद जेना का अगला अटेंप्ट फाउल रहा। हालांकि चीन की बेईमानी को नजरअंदाज करते हुए दोनों खिलाड़ियों ने वापसी की। नीरज ने इस सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ 88 . 88 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता जबकि किशोर जेना ने 87 . 54 मीटर के साथ रजत पदक हासिल किया ।

ज्योति याराजी के साथ भी हुई थी बेईमानी

यह पहला मौका नहीं था जब चीन ने भारतीय खिलाड़ियों के साथ बेईमानी की। इससे पहले 100 मीटर हर्डल में ज्योति यर्राजी के साथ भी ऐसा किया गया है। ज्योति याराजी और चीन की वु यान्नी को ‘फाल्स स्टार्ट’ के कारण अयोग्य करार दिया गया जबकि नियामों के मुताबिक केवल यान्नी को बाहर किया जाना था। जज ने उन्हें रेस में भाग लेने की अनुमति दी। चीन की लिन युवेइ ने 12.74 सेकंड में स्वर्ण पदक जीता जबकि यान्नी दूसरे और याराजी तीसरे स्थान पर रही थी । भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने तुरंत विरोध दर्ज किया और तकनीकी नियम 16 . 8 के तहत यान्नी को अयोग्य करार दिया गया जबकि याराजी का कांस्य पदक रजत में बदल गया। एएफआई की सीनियर उपाध्यक्ष और लंबी कूद की पूर्व स्टार अंजू बॉबी जॉर्ज ने इसे अविश्वसनीय ड्रामा करार दिया। एएफआई अध्यक्ष और विश्व एथलेटिक्स के उपाध्यक्ष आदिले सुमरिवाला ने कहा कि यह मामला उच्च स्तर तक ले जाया जायेगा ताकि आइंदा ऐसा नहीं हो ।