एशियन गेम्स में देश को रेसलिंग, बॉक्सिंग, हॉकी, वेटलिफ्टिंग जैसे खेलों में मेडल की उम्मीद है। एक और ऐसा खेल है जिसकी फैन फोलोउिंग शायद इस देश में ज्यादा न हो लेकिन खिलाड़ियों में मेडल लाने का जोश बाकी एथलीट्स से कम नहीं है। सेलिंग में भारत के खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी बेहतर हुआ है। ऐसे में जानिए इस खेल में भारत का इतिहास और इस बार किससे होगी मेडल की उम्मीदें।

सेलिंग में भारत का इतिहास

एशियन गेम्स में भारत ने अब तक सेलिंग के अलग-अलग इवेंट्स में 20 मेडल जीते हैं जिसमें एक गोल्ड, सात सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। भारत ने इन खेलों में 10वां सबसे सफल देश है। भारत को इन खेलों का इकलौता गोल्ड मेडल 1982 के एशियन गेम्स में हासिल हुआ था। 1982 में एशियन गेम्स भारत में ही आयोजित हुए थे। भारत के फारुख तारापोर ने फायरबॉल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था।

भारत ने पिछले साल जर्काता में हुए एशियन गेम्स के लिए नौ सदस्यों का सेलिंग दल भेजा था। पिछली बार भारत को इस टूर्नामेंट में तीन मेडल हासिल हुए थे जिसमें दो ब्रॉन्ज और एक सिल्वर मेडल शामिल था। हर्षिता तोमर ने लेजर 4.7 इवेंट में ब्रॉन्ज, 49er में वरुण ठक्कर ने ब्रॉन्ज और श्वेता-वर्षा गौतम ने महिला 49er Fx में सिल्वर मेडल अपने नाम किया।

भारत भेज रहा है सबसे बड़ा दल

भारत इस बार सेलिंग के लिए अपना सबसे बड़ा दल भेज रहा है जिसमें 16 सदस्य शामिल हैं। इन 16 खिलाड़ियों में से जिसमें नौ पुरुष और सात महिलाएं हैं। एशियन गेम्स में 14 इवेंट्स होंगे जिसमें से 12 में भारतीय खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।

पुरुष टीम: चित्रेश तथा, जेरोम कुमार, अद्वैत मेनन, विष्णु सरवनन, एबाद अली, के.सी. गणपति, वरुण ठक्कर, सुधांशु शेखर, और सिद्धेश्वर डोइपोडे

महिला टीम : ईश्वरीय गणेश, नेहा ठाकुर, नेतरा कुमानन, हर्षिता तोमर, राम्या सरवनन, प्रीति कोंगारा और शीतल वर्मा

कितनी मजबूत है भारत की चुनौती

भारत की महिला टीम काफी मजबूत है। नेत्रा कुमानन से इस बार मेडल की उम्मीद होगी। नेत्रा ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली देश की पहली महिला सेलर हैं। वहीं हर्षिता तोमर और राम्या सरवनन जैसी युवा खिलाड़ियों पर भी नजर रहेगी। पुरुष टीम में मौजूद हर खिलाड़ी की स्किल अलग है। भारत को पुरुष इवेंट्स में मेडल की उम्मीद होगी। चित्रेश तथा टीम के सबसे बड़े स्टार है। उन्होंने हाल के सालों में कमाल का खेल दिखाया है। कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में देश का मान बढ़ा चुके हैं। अद्वैत को भी उनकी सटीक और सही प्लानिंग के लिए जाना जाता है। वह पुरुष टीम को मजबूत करने वाले हैं।