अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद में खेलों में नस्लवाद का मुद्दा गर्माया हुआ है। इस बीच, भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय ने खेलों में क्षेत्रवाद हावी होने का भी आरोप लगाया। उनके मुताबिक, बैडमिंटन संघ केरल के खिलाड़ियों के साथ पक्षपात करता है। प्रणय लगातार दूसरे साल अर्जुन पुरस्कार के लिए नामांकित नहीं किए जाने से गुस्से में हैं।

उन्होंने कहा कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और इस साल अर्जुन पुरस्कार के लिए खुद को नामांकित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह बैडमिंटन फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएआई) के पूर्वाग्रह का सामना करने वाले केरल के पहले एथलीट नहीं हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में प्रणय ने लगातार दूसरे साल अर्जुन अवॉर्ड के लिए नामांकित नहीं किए जाने को लेकर महासंघ को लताड़ा था।

प्रणय ने ट्वीट कर कहा था, वह आदमी जिसके पास कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में पदक हैं, उसके लिए एसोसिएशन ने सिफारिश नहीं की और जो लड़का इन महत्वपूर्ण इवेंट में नहीं था, उसकी सिफारिश की। #thiscountryisajoke. प्रणय ने हालांकि, इस ट्वीट को बाद में अपने ट्विटर हैंडल से डिलीट कर दिया था। बाई ने पिछले मंगलवार को सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की शीर्ष डबल्स जोड़ी तथा पुरुष सिंगल्स खिलाड़ी समीर वर्मा ने नाम की सिफारिश अर्जुन पुरस्कार के लिए की थी।

उस ट्वीट के बारे में बताते हुए प्रणय ने कहा, ‘यह कुछ ऐसा था जिसके लिए मुझे लगा कि करने की जरूरत है। मैं बतलाना चाहता था कि यह वही है जो 5-10 साल बाद हुआ है। ऐसा कोई मामला नहीं होना चाहिए जहां लोगों को निशाना बनाया जाए और उनका नाम इस तरह से न भेजा जाए।’

प्रणय ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘किदांबी श्रीकांत और मेरे साथ अनुशासनात्मक मुद्दे हैं। मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, क्योंकि मैं अब खुद नामांकन के लिए आवेदन कर सकता हूं। मुझे एसोसिएशन के माध्यम से जाने की जरूरत नहीं है।’ प्रणय के ट्वीट करने के बाद टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बाई एक पदाधिकारी के हवाले से कहा था कि प्रणय का नाम ‘अनुशासनात्मक आधार पर’ हटाया गया। प्रणय और श्रीकांत ने बैडमिंटन एशिया टीम के सेमीफाइनल से पहले टूर्नामेंट छोड़ दिया था।