14 जून से रूस में शूरू होने वाले फीफा वर्ल्ड कप के लिए लगभग सभी टीमें पहुंच चुकी हैं। अर्जेटींना की टीम भी 9 जून को रूस पहुंच गई है। अर्जेंटीना ने अपनी टीम के प्रदर्शन को लेकर खास तैयारियां की हैं। अर्जेंटीना फुटबॉल एसोसिएशन (एएफए) चाहता है कि उनकी टीम का कोई भी खिलाड़ी रूस में किसी भी तरह की समस्या का सामना न करे और देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करे। यही कारण है कि एएफए ने अपने खिलाड़ियों के साथ तीन टन खाना भी रूस भिजवाया है, ताकि वे उस खाने को ही खाएं और शानदार प्रदर्शन करके फीफा वर्ल्ड कप 2018 पर कब्जा करें।

रूस में अर्जेंटीना के राजदूत रिकार्डो लगोरियो का कहना है, ‘नेशनल टीम ने अपने साथ अपने लिए अर्जेंटीना का खाना भी लाया है। एएफए के नेशनल टीम के खिलाड़ियों के लिए बीफ, पोर्क, ड्यूल्से, डे-लचे इत्यादि व्यंजन भेजे हैं। अर्जेंटीना से करीब 3 टन खाना आया है। खिलाड़ियों के लिए जो रसोइया खाना पकाएगा वह पहले ही ब्रॉन्निस्टी आ चुका है।’ जर्मन न्यूजपेपर बिल्ड के मुताबिक रसोइए रूस में दूसरे देश से फ्रेश फूड नहीं ला सकते, क्योंकि रूस में ऐसा करने पर बैन लगा हुआ है। रूस में यूरोपियन यूनियन से फ्रेश फूड लाना मना है। इसलिए कोई भी देश अपने खिलाड़ियों के लिए केवल फ्रोजन फूड ही भेज सकता है। इसके अलावा अगर फ्रेश फूड खरीदना है तो उन्हें रूस में ही खरीदना होगा।

बता दें कि फीफा विश्व कप में अर्जेटीना का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस दक्षिण अमेरिकी देश ने कुल 16 बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और दो बार खिताब जीतने में कामयाब रहा है जबकि दो बार उसे फाइनल में हार का मुंह देखना पड़ा है। ब्राजील में 2014 में हुए विश्व कप के फाइनल में अर्जेटीना ने लियोनल मेसी के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन फाइनल मुकाबले में वह जर्मनी के खिलाफ 0-1 से हार गई। इसके अलावा, 1990 के विश्व कप में उसे पश्चिम जर्मनी के खिलाफ भी 0-1 से हार झेलनी पड़ी थी। अर्जेटीना ने पहली बार अपने घर में खेलते हुए 1978 में डेनियल पासारीला के नेतृत्व में खिताब पर कब्जा किया था लेकिन 1986 में टूर्नामेंट का खिताब जीतना फुटबाल प्रशंसकों के लिए सबसे यादागार रहा। 1986 के विश्व कप में दुनिया ने डिएगो मैरोडोना का जलवा देखा और उन्होंने अपनी कप्तानी में देश को दूसरी बार खिताब दिलाया।