अंकिता रैना ने दूसरे दौर की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को अन्ना मोर्गिना पर सीधे सेटों में जीत दर्ज करके दिल्ली ओपन टेनिस टूर्नामेंट के महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। अंकिता ने इस 25 हजार डालर इनामी आइटीएफ टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में रूसी खिलाड़ी केवल 58 मिनट में 6-2, 6-0 से हराया। रूसी खिलाड़ी किसी भी समय भारत के नंबर एक सिंगल्स खिलाड़ी की बराबरी नहीं कर पाईं। उन्होंने काफी गलतियां कीं। दूसरी तरफ अंकिता ने कई अच्छे स्ट्रोक लगाए और उनके शाट पर काफी अच्छा नियंत्रण था। इस भारतीय खिलाड़ी के लिए यह सत्र की अच्छी शुरुआत है। वे अकेली भारतीय हैं जो खिताब की दौड़ में बनी हुई हैं। अंकिता का अगला मुकाबला उज्बेकिस्तान के सबीना शारीपोवा से होगा जिन्होंने ताइपै की या हुसान ली गो 6-3, 6-3 से हराया।

दूसरी तरफ, बतौर टीम पहली बार साथ खेल रहे महेश भूपति और युकी भांबरी ने पुरुषों के डबल्स में यानिक मर्टन्स और स्टेफाने रोबर्ट की जोड़ी को हरा कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। भारतीयों ने डीएलटीए परिसर में बेल्जियम-फ्रांसीसी जोड़ी को क्वार्टरफाइनल में 7-5, 6-1 से शिकस्त दी। सिंगल्स में प्रजनेश गुणेश्वरन ने सातवें सीड चीन के यान बाई से मिले वाकओवर के बाद क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, जिन्होंने पेट की गड़बड़ के कारण हटने का फैसला किया। अब उनकी भिड़ंत किमर कोपेजांस से होगी जिन्होंने मैक्सिम जानवियर के खिलाफ दूसरे राउंड में 6-2, 6-4 से जीत दर्ज की। कोहनी की चोट से उबर रहे युकी ने बेसलाइन पर अच्छा खेल दिखाया, बेहतर सर्विस की। घुटने की चोट के बाद वापसी कर रहे भूपति ने भी अच्छी सर्विस की और कभी कभार उनके कुछ शाट में बीते दिनों की झलक भी देखने को मिली।

मैच के बाद युकी ने कहा कि यह देखना हैरानी भरा था कि महेश अब भी इतने तेज हैं। वे आसानी से वाली खेल रहे थे और बेहतरीन सर्विस कर रहे थे। मैं बुधवार को नर्वस था और उन्हें निराश नहीं करना चाहता था। युकी और भूपति अब जिमी वांग और जे झांग के खिलाफ खेलेंगे जिन्होंने भारत की वाइल्ड कार्ड धारी टीम मोहित मयूर प्रकाश और विनायक शर्मा काजा को 6-1, 6-4 से पराजित किया। गत चैंपियन साकेत मायनेनी और सनम सिंह ने विजय सुंदर प्रशांत और जीवन नेदुचेझियान को क्वार्टर फाइनल में 7-6, 6-4 से हराया। अब उनका सामना टाप सीड दिविज शरण और फ्लावियो सिपोला की जोड़ी से होगा जिन्हें बेल्जियम के जोरिस डि लूरे और किमर कूपेजांस से वाकओवर मिला जिन्हें पेट की समस्या थी।