क्रिकेट में कोई भी बल्लेबाज शून्य पर आउट नहीं होना चाहता, क्योंकि यह नाकामयाबी और शर्म का कारण माना जाता है। विश्व क्रिकेट में कई एेसे बल्लेबाज हुए हैं, जिन्होंने कई बार जीरो पर आउट होने का दर्द झेला, लेकिन उन्हें बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं एेसे खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने अपने टेस्ट करियर में शतक कम और शून्य ज्यादा बनाए हैं। यह भी अहम है कि उन्होंने कभी नाकामयाबी से खेल को प्रभावित नहीं होने दिया।

माइक गैटिंग: इंग्लैंड के इस खिलाड़ी ने अपने करियर में 10 टेस्ट शतक लगाए, लेकिन 16 बार उन्हें शून्य पर पवेलियन लौटना पड़ा। बतौर कप्तान उन्होंने बहुत कामयाबी हासिल की। वहीं मैदान और उसके बाहर अपने बेबाक रवैये के कारण आलोचनाएं भी झेलनी पड़ीं। 138 पारियों में उन्होंने 4 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं।

मर्वन अट्टापट्टू: शायद आप न जानते हों, लेकिन वह 7 पारियों में से 6 में शून्य पर आउट हुए थे। कोई और क्रिकेटर होता तो शायद हताश हो जाता, लेकिन अट्टापट्टू ने जब संन्यास लिया तो उनका नाम श्रीलंका के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार हुआ। उनके नाम 6 दोहरे शतक हैं। अपने पूरे करियर में उन्होंने 16 शतक जड़े, लेकिन 22 बार शून्य पर भी पवेलियन लौटे।

माइकल एथर्टन: साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक मैच में इंग्लैंड को 479 रन का असंभव सा लक्ष्य दिया और 10 विकेट लेने के लिए 2 दिन का समय रखा। लेकिन तभी चमत्कार हुआ। उस वक्त 27 साल के इंग्लैंड के कप्तान माइकल एथर्टन दीवार बनकर खड़े हो गए। उन्होंने 10 घंटे बल्लेबाजी की और 185 रन बनाए। पूरी पारी में उन्होंने 492 गेंदें खेलीं। यह खुद साबित करता है कि वह कमतर खिलाड़ी नहीं थे, लेकिन उन्होंने अपने करियर में कुल 6 शतक लगाए और 20 बार जीरो पर आउट हुए।

ब्रैंडन मैकलम: इस खिलाड़ी की प्रतिभा पर शायद ही किसी को शतक हो। टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज सेंचुरी जड़ने का रिकॉर्ड इन्हीं के नाम है। बेहद आक्रामक खिलाड़ी माने जाने वाले मैकलम अगर फॉर्म में हों तो किसी भी टीम की गेंदबाजी को अकेले तहस-नहस कर सकते हैं। लेकिन इतने शानदार रिकॉर्ड वाले मैकलम के नाम टेस्ट क्रिकेट 12 शतक हैं, जबकि 14 बार उन्हें शून्य पर आउट होकर वापस जाना पड़ा।

मोहिन्दर अमरनाथ: 1983 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य और फाइनल में मैन अॉफ द मैच पाने वाले खिलाड़ी। लेकिन मोहिन्दर अमरनाथ के करियर में लगातार उतार-चढ़ाव आते रहे। उन्होंने कई बार टेस्ट करियर में शानदार वापसी की और मुश्किल वक्त में रन भी बनाए। 69 टेस्ट मैचों में 4378 रन बनाने वाले मोहिन्दर ने 11 टेस्ट शतक जड़े हैं, जिसमें से 9 विदेशों में बनाए हैं। लेकिन अपने पूरे करियर में वह 12 बार जीरो पर आउट हुए।