रेसलिंग दंगल से पहले गुरशरण प्रीत कौर इस बात को लेकर चिंतित थीं कि क्या वे इस प्रतियोगिता में भाग लें जिसकी पुरस्कार राशि 1 करोड़ रुपये  है  या फिर 23 मार्च को अपने भाई की शादी में शामिल हों। बहुत विचार-विमर्श के बाद पंजाब की इस पहलवान ने भाई की शादी छोड़ने का निर्णय लिया। गुरशरण की पानीपत की यात्रा उनके लिए अच्छी साबित हुई। उन्होंने नेशनल चैंपियन किरण को महिलाओं के 72 किलोग्राम वर्ग के फाइनल मुकाबले में 5-1 से हराया। स्वर्ण पदक जीतने के लिए उसे 10 लाख रुपये से सम्मानित किया गया। टूर्नामेंट में उनका हर बाउट एक तरफ़ा था। सारे बाउट उन्होंने तकनीकी श्रेष्ठता की मदद से जीते।

कौर ने फाइनल मुकाबला जीतने के बाद कहा “अगर इस प्रतियोगिता में कोई इनामी राशि नहीं भी होती तब भी में यहां आती। मैं कुश्ती करना चाहती हूं। मैं लम्बे समय से खेल से बाहर हूं।” 35 वर्षीय कौर सात साल तक दूर रहने के बाद खेल में वापसी कर रही हैं, आखिरी बार उन्होंने 2012 में एक इंटर-पुलिस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। कुश्ती से दूर रहना कौर के लिए आसान नहीं था। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी द्वारा उन्हें 2013 में विफल डोप परीक्षण के बाद नौ महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। बाद में उन्होंने एक पंजाब पुलिस कांस्टेबल से शादी कर ली। कौर का पति एक ड्रग एडिक्ट था। उनकी शादी के दो साल बाद, पति संदीप सिंह ने कौर को तलाक दे दिया और उन्हें घर से निकाल दिया।

कौर ने नम आखों से बताया ” वह मुझे पीटता था। खासकर तब जब मैं लड़कों के साथ ट्रेनिंग करती थी। वो लोग मुझे खाना नहीं देते थे मैं एक मृत व्यक्ति की तरह थी। कौर ने कहा ” मेरे ससुराल वालों ने मुझसे एक लड़का चाहते थे। जब हमारी बेटी का जन्म हुआ, तो उन्होंने मुझे फिर से पीटा और मुझे घर से निकाल दिया। मेरे पति ने उनके और मेरी बेटी के बीच चुनने को कहा मैंने अपनी बेटी को चुना। ”

कौर अपनी माँ के साथ तरनतारन जिले के मोहनपुर गाँव के में रहने लगीं। बाद में वे अपनी पुलिस ड्यूटी के लिए जालंधर शिफ्ट हों गईं।लेकिन जीवन ने एक और दुखद मोड़ लिया जब 2014 में उनके पति ने तलाक अमृतर में फाइल किया। कौर ने बताया “जब भी सुनवाई होती है, मुझे अमृतसर जाना पड़ता है। इसके लिए मैंने अपनी बेटी को अपनी माँ के पास छोड़ दिया है क्योंकि मैं हर जगह उसके साथ यात्रा नहीं कर सकती।” कौर की बेटी पांच साल की हों चुकी है। बेटी के पालन पोषण के साथ कोर्ट कचहरी के मुक़दमे के लिए पैसे नहीं बचते। पैसों की कम के चलते कौर ने फिर से कुश्ती करने का फैसला किया और मई 2018 में पंजाब पुलिस अकादमी, जालंधर में अपनी ट्रेनिंग शुरू की।