RRB ALP Group C Exam 2018: लंबे अर्से बाद रेलवे में लोको पायलट और टेक्निकल सेक्शन के करीब 26,000 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। इसके लिए रेलवे 9 अगस्त से सिलसिलेवार ढंग से कई चरणों में देशभर में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने जा रहा है लेकिन इस पर विवाद पैदा हो गया है क्योंकि ऑनलाइन परीक्षा का केंद्र 1500 से 2000 किलोमीटर तक दूर दिया गया है। बेरोजगार युवकों को अब खर्च कर हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरू, मुंबई जाकर परीक्षा देनी होगी। कुछ ऐसी जगह भी परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां के लिए सीधी रेल सेवा नहीं है या है भी तो सप्ताह में एक दिन ही ट्रेन चलती है। ऐसे में बेरोजगारों को परीक्षा तिथि से चार या पांच दिन पहले ही वहां पहुंचना होगा। उदाहरण के लिए तिरुपति के लिए पटना से कोई सीधी ट्रेन नहीं है। ऐसे में युवकों को पहले हैदराबाद जाना होगा या फिर एर्नाकुलम एक्सप्रेस से नजदीकी स्टेशन पहुंचना होगा, फिर वहां से तिरुपति। एर्नाकुलम एक्सप्रेस भी मंगलवार को चलती है। यानी 9 या 10 अगस्त की परीक्षा में शामिल होने के लिए युवाओं को तीन-चार दिन पहले ही वहां पहुंचना होगा।
बेरोजगार युवा इस बात से परेशान हैं कि लंबी दूरी का रेल किराया फिर वहां चार-पांच दिन रहने-खाने का इंतजाम करने में बहुत ज्यादा बोझ पड़ रहा है। एक बेरोजगार फरियादी के मुताबिक इस परीक्षा में शामिल होने पर लगभग पांच हजार रुपये का न्यूनतम खर्च आ रहा है। बेरोजगार युवकों ने अपनी-अपनी समस्याएं रेल मंत्री से ट्विटर के जरिए पहुंचाई हैं। बेरोजगारों की इस समस्या की गूंज सोमवार (30 जुलाई) को संसद में भी सुनाई पड़ी। इसके बाद रेलवे ने स्पष्टीकरण दिया कि 71 फीसदी अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र 200 किलोमीटर के दायरे में ही आवंटित किया गया है।
रेलवे की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कुल 26,502 पदों के लिए करीब 47 लाख आवेदन आए हैं। इनमें से 2,292 वैकेंसी बिहार में रेलवे यूनिटों के लिए हैं और बाकी 24,210 वैकेंसी अन्य क्षेत्रों के लिए है। इनमें से 9 लाख फॉर्म बिहार से, 9.5 लाख फॉर्म उत्तर प्रदेश से और 4.5 लाख आवेदन राजस्थान से आए हैं। लिहाजा, ऐसा संभव नहीं था कि उतने अभ्यर्थियों को उन्ही के राज्यों में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाए क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर वहां इसकी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
रेलवे बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि 34 लाख आवेदकों यानी 71 फीसदी आवेदकों को 200 किलोमीटर के अंदर परीक्षा केंद्र दिया गया है, जबकि 40 लाख आवेदकों को 500 किलोमीटर के अंदर परीक्षा केंद्र आवंटित किया गया है। रेलवे ने कहा है कि 99 फीसदी दिव्यांगों और महिलाओं को भी 200 किलोमीटर के दायरे में ही परीक्षा केंद्र आवंटित किया गया है। रेलवे ने कहा है कि मात्र 17 फीसदी आवेदकों को ही 500 किलोमीटर से दूर का परीक्षा केंद्र दिया गया है।
इसके पीछे रेलवे ने तर्क दिया है कि जहां सीसीटीवी और सुरक्षा के उपकरण मौजूद हैं, वहीं परीक्षा केंद्र बनाया गया है। रेलवे ने यह भी कहा है कि परीक्षा केंद्रों का आवंटन आवेदन करने की समय सीमा के हिसाब से किया गया है। यानी जिन्होंने पहले आवेदन किया, उन्हें नजदीकी केंद्र और जिन्होंने देर से आवेदन किया उन्हें दूर का परीक्षा केंद्र दिया गया है।