झारखंड की ऑसम डेयरी आज देश की बढ़ती हुई कारोबारी कंपनियों में से एक है। कम समय में इसने जितनी तरक्की हासिल की है वह काबिले तारीफ है। लेकिन ऑसम डेयरी के बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है और यह सभी को कुछ नया करने की प्रेरणा देती है। तो चलिए जानते हैं इसकी कहानी। अभिषेक राज, अभिनव शाह, हर्ष ठक्कर और राकेश शर्मा; इन 4 दोस्तों ने मिलकर 2012 में इसकी शुरुआत की। चारों दोस्तों ने बहुत बड़ा रिस्क लिया था क्योंकि कारोबार की शुरुआत उन्होंने अपनी बढ़िया कॉर्पोरेट जॉब्स की कीमत पर की थी। सभी ने मिलकर अपनी पूंजी एक जगह लगा दी और गायें खरीदी। शुरुआत में 40 गायें खरीदी गईं लेकिन कुछ ही समय में उनके सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। उनकी 26 गायें संक्रमण के कारण मर गईं और यह एक बड़ा नुकसान था। लेकिन इसके बाद भी चारों ने हिम्मत नहीं हारी। एक बार फिर से उन्होंने निवेश किया और गाड़ी पटरी पर लौटने लगी।

‘द वीकेंड लीडर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑसम डेयरी का टर्नओवर 5 साल के भीतर ही 100 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। झारखंड में ऑसम डेयरी आज 19 जिलों में ऐक्टिव है और 140 डिस्ट्रिब्यूटर्स के साथ काम कर रही है। इसके अलाव 3000 से ज्यादा रीटेलर्स भी कंपनी से जुड़े हैं। चार दोस्तों द्वारा शुरू की गई कंपनी में आज लगभग 270 लोग काम करते हैं और कंपनी की तरक्की अपने उफान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे पहले अभिषेक को इस डेयरी बिजनेस का आइडिया आया था। डेयरी शुरू करने से पहले वह लक्जमबर्ग में एक मल्टी-नेशनल कंपनी में काम करते थे। उनका सालाना पैकेज लगभग 40 लाख रुपये था लेकिन बढ़िया पैसे के बावजूद नौकरी से उन्हें वो आत्म संतुष्टि नहीं मिली, जो अपने कारोबार से मिल सकती थी। इसके बाद ही उन्होंने नौकरी छोड़ अपना काम शुरू करने का फैसला लिया।

कारोबार शुरू करने के लिए चारों दोस्तों ने बराबर 1 करोड़ रुपये लगाए। शुरुआत में 1 एकड़ जमीन खरीदी गई। लगभग 30 लाख रुपये डेयरी फार्म बनाने में खर्च हुए। कारोबार के लिए न सिर्फ पैसा खर्च किया गया बल्कि सही ट्रेनिंग भी हासिल की। अभिनव शाह एक महीने का डेयरी फार्मिंग कोर्स करने के लिए कानपुर गए। इससे उन्हें जानवरों की स्वच्छता और स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी हासिल हुई। समय-समय पर चारों दोस्त, कंपनी में निवेश बढ़ाते चले गए और इसके अच्छे नतीजे आज देखने को मिलते हैं। 2022 तक कंपनी ने 500 करोड़ का कारोबार करने टारगेट रखा है।