इंजीनियरिंग क्षेत्र की बड़ी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने वित्त वर्ष 2016-17 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 14 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि  “प्रतिस्पर्धी और दक्ष” बने रहने के लिए ऐसा करना जरूरी था। कंपनी के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर आर शंकर रमन ने कहा, “ये एक रणनीतिक फैसला है क्योंकि जब कारोबार अच्छी स्थिति में न हो तो हम इसे रिसाइज करने की कोशिश करते हैं। अगर कारोबार को सामान्य स्थिति में वापस लाने का समय है तो जरूरी हो जाता है कि अंडर–रिकवरी को कम किया जाए। इसीलिए जिन कर्मचारियों को हम अनुपयोगी पा रहे थे उन्हें जाने का मौका दिया जा रहा है।” रमन ने बताया कि एलएंडटी के विभिन्न उपक्रमों में एक लाख 20 हजार लोग काम करते हैं। रमन ने बताया, “हमने वित्त वर्ष 2016-17 की पहली छमाही में 14 हजारों लोगों को निकाला है।”

रमन ने ये नहीं बताया कि कंपनी के किन-किन इकाइयों से कर्मचारियों की छंटनी की गई है। रमन ने कहा, ” वित्तीय सेवाओं के कुछ क्षेत्रों को प्राथमिकता सूची से हटाया गया है और लोगों को जाने दिया जा रहा है। यही हाल खनिज और धातु सेक्टर का है।” रमन के अनुसार कंपनी प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए पूरे कारोबार की समेकित समीक्षा कर रही है और उसने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। रमन ने कहा, “हम दौड़ में शामिल रहने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। जहां जरूरत है वहां हमने डिजिटाइजेशन की कोशिश की है। इस तरह जहां 10 लोगों की जरूरत होती थी वहां अब पांच लोगों से काम लेने की कोशिश की जाएगी।”

एलएंडटी के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और अध्यक्ष एसएन सुब्रामण्यम ने कहा कि कंपनी ऐसे कारोबार को भी चिह्नित कर रही है जिनमें घाटा हो रहा है। सुब्रामण्यम ने कहा, “कंपनी आगे छंटनी नहीं करनी जा रही है। न ही कंपनी ने लोगों को नौकरी से निकालने को लेकर कोई लक्ष्य तय किया है।” चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी का कारोबार 8.6 प्रतिशत बढ़कर 46,885 करोड़ हुआ है। वहीं कंपनी का मुनाफा एक साल पहले के 1197 करोड़ से बढ़कर 2044 करोड़ हो चुका है। एलएंडटी ने हाल ही में पांच साल में अपने कारोबार को दो लाख करोड़ तक पहुंचाने की रणनीति की घोषणा की थी।