आपकी दिलचस्पी अगर विज्ञान, कला और कृषि तीनों में है तो बागवानी आपके लिए अच्छा करिअर साबित हो सकता है। बागवानी विषय के तहत सब्जी और फलों के खेतों की देखभाल से जुड़ी प्रक्रियाएं आती हैं। बागवानी के अंतर्गत विज्ञान की कई शाखाओं (भौतिकी, रसायन, प्राणिविज्ञान और जीवविज्ञान) का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य, मार्केटिंग और स्वास्थ्य देखभाल जैसे विषय भी इसमें पढ़ाए जाते हैं। यह विषय अपनी प्रकृति के स्तर पर कृषि से तो जुड़ा है लेकिन बागवानी उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण यह क्षेत्र एक अलग व्यावसायिक क्षेत्र के तौर पर उभरा है।
स्नातक पाठ्यक्रम : विज्ञान विषयों (रसायन और जीवविज्ञान) के साथ 12वीं पास करने के बाद बागवानी विज्ञान के स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं। दाखिले के लिए उम्मीदवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा में शामिल होना पड़ता है। पाठ्यक्रम की अवधि तीन से चार साल की होती है।
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम : जीवविज्ञान में या बागवानी में स्नातक उपाधि प्राप्त विद्यार्थी बागवानी के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं। दाखिले के लिए उम्मीदवार को आइसीएआर की प्रवेश परीक्षा में बैठना होता है। कुछ संस्थान और विश्वविद्यालय खुद भी प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं। पाठ्यक्रम की अवधि दो साल होती है।
बागवानी क्षेत्र में बतौर विशेषज्ञ, सुपरवाइजर, बागवानी विशेषज्ञ, फल-सब्जी निरीक्षक के तौर पर काम कर सकते हैं। बीएससी कृषि, एमएससी, बागवानी के बाद सरकारी विभागों में कृषि वैज्ञानिक बना जा सकता है। प्रोफेसर, रीडर, कृषि केंद्रों में व्यवस्थापक के रूप में भी आप अपना करिअर शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य लोकसेवा आयोग के जरिए उद्यान अधिकारी, कृषि अधिकारी, तकनीकी अधिकारी, फल व सब्जी निरीक्षक, उद्यान पर्यवेक्षक कृषि विकास अधिकारी के पदों पर अवसरों की संभावनाएं रहती हैं। निजी क्षेत्र में भी नौकरी की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। इसके अलावा बागवानी अफसर और पेस्टीसाइड कंपनियों की मार्केटिंग शाखाओं में भी नौकरियां उपलब्ध हैं।


