भारत में महिलाओं की स्थिति बहुत पहले से चर्चा का विषय रहा है, भारत में महिलाओं की एचिवमेंट को सराहा जाता है, महिलाओं के विकास के लिए नई-नई नीतियां बन रही हैं, अब जाकर कहीं कहा जाने लगा है कि महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चल रही हैं और समाज का एक अहम् हिस्सा हैं। लेकिन आज हम जो आपको बता रहे हैं वो जानकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या सच में ये सच है? बात है एक ऐसे गांव की जहां आज भी महिलाओं को 10 रुपए में खरीदा और बेचा जाता है। जी हां, चोकिंए मत… ये स्थिति है मध्यप्रदेश के शिवपुरी की।

यहां महिलाओं को 10 रुपए के स्टाम्प पर मुहर लगाकर बेच दिया जाता है। मध्यप्रदेश के शिवपुरी में महिलाओं का ऐसा निंदनीय शोषण एक प्रथा के नाम पर किया जाता है। इस प्रथा का नाम धड़ीचा है। धड़ीचा औरतों की खरीद फरोख्त की ऐसी प्रथा है जिसकी शिकार युवतियों के पति स्टाम्प पर साइन होते ही बदल जाते हैं।

इस प्रथा में बिकने वाली औरत और खरीदने वाले पुरुष के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है। ज्यादा रकम होने पर संबंध लंबे समय तक रहता है। वहीं, अगर रकम कम हो तो जल्द ही खत्म हो जाता है। कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने पर महिला का दूसरे पुरुष के साथ सौदा कर दिया जाता है।

गांव में रहने वाली एक महिला का कहना है कि इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए कई बार सरकार ने प्रयास भी किए लेकिन फिर भी यह प्रथा खत्म नहीं हुई।