बस, ट्रक और टैंकर चालकों ने देशव्यापी हड़ताल कर दिया है। मंगलवार (2 जनवरी) को उनके हड़ताल का दूसरा दिन है। हड़ताल से पूरे देश में ईंधन आपूर्ति प्रभावित हो गई है। पेट्रोल पंपों पर लंबी कतार देखने को मिल रही है। चालक हिट-एंड-रन मामलों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए नए कानून का विरोध कर रहे हैं।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत हिट-एंड-रन मामले में सख्त जेल और जुर्माना का प्रावधना है। इसी के खिलाफ ट्रक, बस और टैंकर चालकों ने तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि ड्राइवर नए नियमों का विरोध क्यों कर रहे हैं और हड़ताल का क्या प्रभाव पड़ा है।
हिट एंड रन मामलों पर नया कानून क्या कहता है?
औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता ने ले ली है। बीएनएस में सड़क पर चल रहे लोगों को कुचलकर भागने वाले चालकों को कड़ी सजा का प्रावधान है। नियम कहता है कि अगर चालक की गाड़ी से कोई दुर्घटना होती है और वह पुलिस या प्रशासन को बिना सूचित किए भाग जाता है, तो 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
भारतीय न्याय संहिता कहता है, “जो कोई भी बिना सोचे-समझे या लापरवाही से कोई ऐसा कार्य करके किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है, उसे सात साल तक की कैद की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा।”
ट्रक, बस और टैंकर चालक इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?
एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, “निजी ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स ने दावा किया है कि कानून ड्राइवरों को हतोत्साहित करता है। उन्हें अनुचित दंड का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनका यह भी दावा है कि जब ड्राइवर घायलों को अस्पतालों तक ले जाने का प्रयास करते हैं तो वे भीड़ की हिंसा का शिकार हो सकते हैं।”
ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने एएनआई को बताया, “सरकार से हमारी एकमात्र मांग यह है कि यह निर्णय हमसे परामर्श के बाद लिया जाना चाहिए। इस पर न तो किसी से कोई चर्चा हुई और न ही किसी से इस बारे में पूछा गया। पहले बैठकें और विचार-विमर्श होना चाहिए था।”
उन्होंने कहा, “ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा विरोध की घोषणा की गई है। इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। अब भ्रामक स्थिति निर्मित हो गयी है। लोगों को नये कानून के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।”

हड़ताल का क्या असर हुआ है?
सोमवार (1 जनवरी) से प्रदर्शनकारियों ने गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है। इससे वाहनों की आवाजाही और ईंधन आपूर्ति प्रभावित हुई है।
उदाहरण के लिए, ट्रांसपोर्टरों के एक संगठन ने मंगलवार को दावा किया कि हड़ताल से मध्य प्रदेश में लगभग पांच लाख वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग गईं।
सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने खेड़ा, वलसाड, गिर सोमनाथ, भरूच और मेहसाणा सहित गुजरात के कई जिलों में वाहन खड़े करके और नाकेबंदी करके राजमार्गों को बाधित कर दिया।

सड़क हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी सड़क दुर्घटनाओं की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में सड़क दुर्घटना के 4,61,312 मामले दर्ज हुए, जिसमें 1,68,491 लोगों की मौत हो गई। 2021 की तुलना में मरने वालों की संख्या 9.4 प्रतिशत बढ़ी है। रिपोर्ट से पता चलाता है कि ओवरस्पीडिंग सबसे अधिक जानलेवा साबित हुआ है। कुल सड़का दुर्घटनाओं के 72.3 प्रतिशत ओवरस्पीडिंग के कारण हुए। विस्तार से पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें:

