Tourist Behavior Issues in Goa: बेहद सुंदर बीच को लेकर पूरे देश और दुनिया में भी पहचाने जाने वाला गोवा इन दिनों विवाद की वजह से चर्चा में है। गोवा के बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया के कई देशों के पर्यटक स्थलों से बेहद खूबसूरत है। हर साल लाखों की संख्या में टूरिस्ट गोवा घूमने के लिए आते हैं। इनमें बड़ी संख्या में विदेश से आने वाले टूरिस्ट भी होते हैं। लेकिन टूरिस्ट की बड़ी संख्या की वजह गोवा के लोकल लोग परेशान हो गए हैं। उनका कहना है कि टूरिस्ट्स ने उनकी सुख-शांति छीन ली है।

बैकड्रॉप में फोटो न खिंचवाएं

गोवा में लोगों ने अपने घरों के बाहर बोर्ड पर लिख दिया है कि आप उनके घर के बैकड्रॉप में फोटोग्राफी नहीं करवा सकते और वे कैमरे की नजर में हैं। यह बोर्ड राजधानी पणजी के हैरिटेज वार्ड के बीचों-बीच स्थित खूबसूरत फॉनटेनहास लोकशन में एक घर के बाहर लगा है। इस घर को लैटिन क्वार्टर कहा जाता है।

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इसके पास ही स्थित सैंट सेबेस्टियन चैपल के बाहर भी एक बोर्ड लगा है। बोर्ड में लिखा गया है कि यह एक चैपल है और पवित्र जगह है। इसके बैकड्रॉप में फोटो खिंचवाना मना है, यहां पर शांति और शिष्टाचार बनाए रखें। जैसे ही पर्यटक यहां पर फोटो खिंचवाने के लिए आते हैं स्थानीय लोग उन्हें जाने के लिए कहते हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि वे उनकी प्राइवेसी का सम्मान करना सीखें।

निश्चित रूप से गोवा आने वाले हजारों-लाखों पर्यटकों के लिए यह एक खराब अनुभव है।

फॉनटेनहास में यू ट्यूबर्स की भारी भीड़

वीकेंड के दिनों में शाम को फॉनटेनहास के इलाके में बड़ी संख्या में टूरिस्ट्स और उनके साथ आए व्लॉगर्स, यूटयूबर्स और कैमरा क्रू दिखाई देते हैं। इससे यहां के लोकल लोगों को काफी परेशानी होती है। फॉनटेनहास की गलियों में अभी भी पुर्तगाली शैली में बने हुए मकान दिखाई देते हैं और ये बेहद खूबसूरत हैं।

टूरिस्ट की वजह से स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी का मामला पणजी शहर के मेयर तक पहुंच गया है। पणजी में साओ टोम और फॉनटेनहास के हेरिटेज वार्डों के लोगों ने मेयर से कहा है कि ‘मास टूरिज्म’ की वजह से वे अपनी प्राइवेसी से समझौता नहीं कर सकते। लोगों का कहना है कि टूरिस्ट की भारी भीड़ और अनरेग्युलेटेड टूरिज्म की वजह से वे लोग परेशान हो गए हैं और उनकी शांत जगह अब हल्ले-गुल्ले और शोर से भर गई है। इसका असर उनके लोकल कल्चर पर भी पड़ रहा है।

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लोगों की शिकायत क्या है?

लोगों ने अपनी शिकायत में कहा है कि टूरिस्ट कैमरे और ट्राइपॉड के साथ आते हैं और सुबह 5:30 बजे से ही प्री वेडिंग और कॉमर्शियल शूट करवाना शुरू कर देते हैं। कुछ लोग बरामदे में घुस जाते हैं। खिड़कियों से अंदर झांकते हैं। सीढ़ियों पर चढ़ जाते हैं और उनकी चीजों को नुकसान पहुंचाते हैं और ऐसा वे सिर्फ सोशल मीडिया पर 1 मिनट की लोकप्रियता के लिए या सेल्फी लेने के लिए करते हैं।

साओ टोम में रहने वाले एक पर्यटक ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उनका घर जनता के लिए समर्पित कोई स्मारक नहीं है। पिछले महीने साओ टोम में एक फोटोशूट को लेकर विवाद हो गया था क्योंकि एक स्थानीय शख्स ने टूरिस्ट्स को डंडे से मारने की धमकी दी थी। विवाद के बाद इलाके में दो पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा था।

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…हमारी प्राइवेसी में दखल दिया जा रहा

इस विवाद को लेकर स्थानीय शख्स परेरा कहते हैं, “यह हमारी प्राइवेसी का हनन है। एक टूरिस्ट को मेरे घर में घुसने, फोटो खींचने और उसे सोशल मीडिया पर डालने का हक किसने दिया?” परेरा कहते हैं कि अब यह एक उपद्रव बन चुका है और इसे खत्म करना ही होगा।

फॉनटेनहास की रहने वाली लूसिया कोउटो कहती हैं कि वे अपने घर की खिड़कियां हमेशा बंद रखती हैं क्योंकि लगातार हंगामे और आवाज के कारण उनके बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते।

लोगों का कहना है कि कॉन्टेंट क्रिएटर्स की वजह से सोशल मीडिया पर यह इलाके काफी लोकप्रिय हो गए हैं। इस इलाके में कई कैफे, बार, रेस्तरां और बेकरी भी हैं और इस वजह से यहां काफी भीड़ रहती है। लोगों का कहना है कि टूरिस्ट्स यहां पर हमारे कल्चर और हेरिटेज के बारे में जानने के लिए भी आएं न कि सिर्फ इंस्टाग्राम के लिए। लोगों का कहना है कि ज्यादातर टूरिस्ट्स ऐसे होते हैं जिन्हें इस इलाके की संस्कृति या इतिहास को जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

मेयर रोहित मोनसेरेट का कहना है कि नगर निगम टूरिज्म डिपार्टमेंट, पुलिस और अन्य सभी से बातचीत करके इन मुश्किलों का समाधान तलाश रहा है।

…वरना आपका स्वागत नहीं है

साओ टोम में तैनात एक पुलिसकर्मी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “क्या हम लोगों को सड़क पर तस्वीरें लेने से रोक सकते हैं? हम टूरिस्ट्स को नियमों के बारे में बताते हैं लेकिन अक्सर वे ध्यान नहीं देते।” सीनियर सिटीजन एंटोनिएटा फर्नांडीस कहती हैं कि वह एक नया बोर्ड लगाने की सोच रही हैं जिस पर लिखा होगा, “हमारी प्राइवेसी का सम्मान करें, वरना आपका स्वागत नहीं है”।

इसके अलावा गोवा में टैक्सी ड्राइवर द्वारा अधिक चार्ज वसूलने की शिकायत भी सामने आई है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने लिखा है कि टैक्सी माफिया और प्रशासन के गठजोड़ के कारण गोवा बर्बाद हो गया है।

गोवा न सिर्फ अपने राज्य के टूरिज्म डिपार्टमेंट के लिए आमदमी का एक बड़ा जरिया है बल्कि हजारों-लाखों लोगों को टूरिज्म से रोजगार भी मिलता है। अगर स्थानीय लोगों और टूरिस्ट्स के बीच इस तरह का माहौल गोवा के अंदर बनेगा तो निश्चित रूप से इससे टूरिज्म को नुकसान होगा। ऐसा होने से टूरिस्ट्स को तो परेशानी होगी ही स्थानीय लोग भी उनके खिलाफ हो जाएंगे। गोवा सरकार, पुलिस और प्रशासन के लिए जरूरी है कि वे सख्त नियम बनाएं और टूरिस्ट्स को नियमों का पालन करने के लिए समझाएं।