Israel-Syria Conflict: मिडिल-ईस्ट में एक बार फिर से तनाव के हालात बनते हुए दिखाई दे रहे हैं क्योंकि इजरायल ने बुधवार रात को सीरिया की राजधानी दमिश्क में रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय और राष्ट्रपति भवन के आसपास ताबड़तोड़ हमले किए। इजरायल ने यह हमले सीरियाई बलों को इस चेतावनी के साथ जारी किए कि उन्हें दक्षिणी सीरिया से हट जाना चाहिए।

सीरिया ने यह हमले ड्रूज़ समुदाय की हिफाजत के लिए किए। इसे लेकर बहुत सारे सवाल हमारे सामने हैं। जैसे- ड्रूज़ समुदाय कौन है, इजरायल के लिए यह इतना अहम क्यों है कि वह उनकी हिफाजत के लिए सीरिया पर बमबारी कर रहा है? सीरिया में ड्रूज़ समुदाय को किससे खतरा है? सीरिया की सरकार ड्रूज़ समुदाय से क्या चाहती है?

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सुन्नी कट्टरपंथी समूहों और ड्रूज़ मिलिशिया के बीच झड़प

इसे समझने के लिए हमें थोड़ा सा पीछे जाना होगा। सीरिया की सेना मंगलवार को देश के दक्षिणी इलाके में स्थित सुवेदा शहर में घुस गई। पिछले कुछ दिनों में सुवेदा में सीरिया के इस्लामिक सुन्नी कट्टरपंथी समूहों और ड्रूज़ मिलिशिया के बीच हुई झड़पों में कई लोगों की मौत हुई और इसके बाद सीरिया की सेना ने इस मामले में दखल दिया। इस साल अप्रैल में भी सरकार के समर्थक सशस्त्र बलों और ड्रूज़ मिलिशिया के बीच हुई झड़पों में कम से कम 100 लोग मारे गए थे।

ड्रूज़ समुदाय के लोगों की मुश्किलें इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि सीरिया की सेना के साथ कई इस्लामिक ताकतें भी खड़ी हैं। इसे लेकर ड्रूज़ समुदाय के लोग सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। इजरायल ने सीरिया में ड्रूज़ समुदाय के लोगों की सुरक्षा का संकल्प लिया है। इसलिए जैसे ही सीरिया के सुरक्षा बल आगे बढ़े, इजरायल ने उन पर हमला कर दिया। हालांकि सीरिया ने सीजफायर की बात कही है लेकिन माहौल तनावपूर्ण है। ड्रूज़ समुदाय के एक नेता ने सीरिया के गृह मंत्रालय द्वारा सीजफायर के दावों को लेकर सवाल उठाया।

इजरायल का स्टैंड है साफ

इजरायल ने साफ-साफ कहा कि उसने साउथ सीरिया में रहने वाले इस समुदाय की हिफाजत के लिए ही सीरिया की अहम जगहों पर हमले किए हैं। इजरायल ने कहा कि सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के इस्लामिक नेतृत्व वाला प्रशासन जिहादी है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दफ्तर की ओर से साफ किया गया है कि उनका देश इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि ड्रूज़ समुदाय को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

द्रूज अल्पसंख्यकों की ‘हिफाजत’ के लिए इजरायल ने इस मुस्लिम मुल्क पर किए हमले

पिछले कुछ दिनों में ड्रूज़ समुदाय की आबादी वाले शहर सुवेदा और उसके आसपास काफी हिंसा की घटनाएं हुई और इसमें 350 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इस हिंसा में ड्रूज़ लड़ाकों ने सरकार के सुरक्षा बलों और बेडौइन जनजातियों के हथियारबंद लड़ाकों के साथ संघर्ष किया है।

कौन है ड्रूज़ समुदाय?

ड्रूज़ अरब लोगों का समुदाय है और इसकी आबादी 10 लाख से ज्यादा नहीं है। इस समुदाय के लोग ज्यादातर सीरिया, लेबनान और इजरायल में रहते हैं। सुवेदा में इस समुदाय के लोगों की बड़ी आबादी है। ड्रूज़ समुदाय जब सीरिया में सिविल वॉर चल रहा था तब पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद और इस्लामिक गुटों के बीच चल रही जंग में बुरी तरह फंस गया था।

दिलचस्प बात यह है कि ड्रूज़ समुदाय भी इस्लाम को ही मानने वाला है। 11वीं सदी में इजिप्ट में ड्रूज़ समुदाय की शुरुआत हुई थी। इसमें धर्म परिवर्तन नहीं किया जाता और अंतरजातीय विवाह भी नहीं होते। गोलान हाइट्स में ड्रूज़ समुदाय के 20 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं। गोलान हाइट्स बेहद अहम रणनीतिक इलाका है जिसे इजरायल ने 1967 में सीरिया से छीन लिया था और तब छह दिन तक जबरदस्त लड़ाई चली थी। इजरायल ने 1981 में इसे अपने इलाके में शामिल कर लिया था। इस इलाके में 25 हजार यहूदी समुदाय के लोग भी रहते हैं।

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सीरिया में धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न

बताना जरूरी होगा कि सीरिया में लंबे वक्त तक बशर अल-असद का शासन रहा लेकिन पिछले साल उनकी सरकार के जाने के बाद सीरिया के नए राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने वादा किया था कि सीरिया में सभी धर्मों, नस्लों के लोगों की उनकी सरकार हिफाजत करेगी लेकिन सीरिया के सुन्नी कट्टरपंथी समूह देश में धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक समुदायों का उत्पीड़न कर रहे हैं। ये कट्टरपंथी समूह अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के वफादार माने जाते हैं।

ड्रूज़ समुदाय में से कई लोग बशर अल-असद के शासन के भी विरोधी थे और वह अंतरिम राष्ट्रपति को लेकर भी बहुत भरोसेमंद नहीं हैं।

सीरिया की सेना और ड्रूज़ लड़ाकों के बीच लड़ाई

अब एक और सवाल यह है कि सीरिया की सेना ड्रूज़ समुदाय के लोगों से क्यों लड़ रही है। सीरिया की नई सरकार और ड्रूज़ के बीच संबंधों में तनाव की एक वजह ड्रूज़ मिलिशिया को निशस्त्र करना है। अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा सभी हथियारबंद लड़ाकों को सेना के तहत लाना चाहते हैं लेकिन वह अब तक ड्रूज़ समुदाय के साथ कोई भी समझौता नहीं कर पाए हैं क्योंकि समुदाय के लोग अपना अलग वजूद बनाए रखने पर अड़े हुए हैं।

इजरायल की सेना में हैं ड्रूज़ समुदाय के लोग

सबसे अहम सवाल यह है कि इजरायल इनकी हिफाजत के लिए क्यों लड़ रहा है? इस समुदाय के लोगों को इजरायल की सेना में भर्ती किया जाता है। वे बड़े पदों पर हैं और बड़ी संख्या में इस समुदाय के लोगों को इजरायल ने नागरिकता भी दी है। इजरायल की पुलिस और सुरक्षा बलों में भी ड्रूज़ समुदाय के लोग हैं। इजरायल की सरकार ने दक्षिणी सीरिया में किसी भी तरह के सैन्य बलों या हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाई है जबकि सीरिया की सरकार इससे इनकार करती है।

सीरिया की सरकार का कहना है कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है। इजरायल और सीरिया के बीच लंबे वक्त से संघर्ष चल रहा है और इजरायल ने बशर अल-असद के जाने के बाद सीरिया में हमले तेज किए हैं। इजरायल का कहना है कि वह सीरिया में ऐसे कट्टरपंथियों को खत्म करना चाहता है जो उसकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।

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