मोदी सरकार अब तक करीब 1600 पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को खत्म कर चुकी है। पिछले माह केंद्रिय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था, ”पिछले आठ वर्षों में मोदी सरकार ने देश के कल्याण के लिए जो सबसे अच्छा काम किया, वह था 1,600 पुराने कानूनों को समाप्त करना जो कि देश के विकास और युवाओं की प्रगति में बाधक थे।”

सरकार कुछ और कानूनों को खत्म करने की तैयारी में है। सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी ने 10 अन्य कानूनों की एक सूची तैयार की है, जिसे तत्काल निरस्त किया जा सकता है। इसमें 1878 का ट्रेजर ट्रोव एक्ट, 1934 का बैंगलोर मैरिज वैलिडेटिंग एक्ट और इंडियन पोस्ट ऑफिस एक्ट शामिल हैं। ये सभी कानून आज भी वैध हैं। इंडियन ट्रेजर ट्रोव एक्ट-1878 का तो आए दिन इस्तेमाल भी होता रहता है।

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इंडियन ट्रेजर ट्रोव एक्ट-1878 : अगर आप भी सड़क पर मिले पैसे को लेकर चुपचाप निकल जाते हैं, तो जान लीजिए ये एक अपराध है। इसके लिए एक साल जेल की सजा का प्रावधान है। इंडियन ट्रेजर ट्रोव एक्ट 1878 के मुताबिक, अगर आपको कोई ऐसी चीज मिलती है, जिसकी कीमत 10 रुपये से ज्यादा है, तो उसकी जानकारी कलेक्टर को देनी होती है। कलेक्टर उसे सरकारी खजाने में जमा कर लेता है। कलेक्टर को जानकारी नहीं देने पर 144 साल पुराना यह कानून आपको जेल की हवा खिला सकता है।

मार्च 2022 में इस कानून की मदद से बक्सर (बिहार) जिला प्रशासन ने खेत में मिले गुप्तकालीन सोने के सिक्कों को जब्त किया था। जून 2022 में चेन्नई के वेल्लोर के पास थंडालाई कृष्णापुरम में ग्रामीण रास्ता बनाने के लिए झाड़ियों को साफ कर रहे थे,  तभी उन्हें एक दुर्लभ अय्यनार पत्थर की मूर्ति मिली थी। मूर्ति को अपने कब्जे में लेते हुए सरकारी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि इंडियन ट्रेजर ट्रोव एक्ट 1878 के तहत एक फीट की गहराई से नीचे जो कुछ भी मिलता है वह सरकार का होता है।

क्यों बना था यह कानून? : फरवरी 1878 में अंग्रेजों ने इस कानून को जमीन से निकली हर मूल्यवान वस्तु पर कब्जा करने के लिए बनाया था। आजादी के बाद भी इस कानून को खत्म नहीं किया गया, ताकि खजाने के खोजकर्ता और खजाने पर दावा करने वाले के बीच कोई संघर्ष न हो। सरकार इस कानून के जरिए इतिहास से जुड़े और पुरातात्विक महत्व की वस्तुओं को संरक्षित भी करती है।