Moment Magnitude Scale: रूस के पूर्वी प्रायद्वीप कामचटका में आए जबरदस्त भूकंप के बाद अमेरिका, जापान और चीन तक हड़कंप का माहौल है। जापान में कई जगहों पर समुद्र में ऊंची लहरें आई हैं और तटीय इलाकों में रहने वाली जगहों को खाली करने का आदेश दे दिया गया है। प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के काम में अफसर लगे हुए हैं।

बीते कुछ दिनों में भारत में भी कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जब भी भूकंप आता है तो सबसे पहले इसकी तीव्रता का पता लगाया जाता है। मतलब यह कि भूकंप कितना तेज था। अक्सर आप सुनते होंगे कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता फलां-फलां थी।

भूकंप की तीव्रता पता चलने के बाद यह भी अनुमान लगाया जाता है कि इससे कितने बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हो सकता है।

इस खबर में हम आपको बताने की कोशिश करेंगे कि रिक्टर स्केल क्या होता है और किसी भूकंप की तीव्रता को कैसे मापा जाता है?

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चार्ल्स रिक्टर ने विकसित किया रिक्टर स्केल

1935 में चार्ल्स रिक्टर ने रिक्टर स्केल विकसित किया। चार्ल्स ने भूकंप को मापने के लिए मैथमेटिकल एप्रोच को सामने रखा। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, रिक्टर स्केल ने भूकंपीय गतिविधियों का आकलन करने के लिए एक सटीक प्रणाली को लोगों के सामने रखा।

हालांकि आजकल के दौर में वैज्ञानिक रिक्टर स्केल के अलावा Moment Magnitude Scale (Mw) का उपयोग करते हैं, जो बड़े भूकंप की भी सटीक गणना करता है।

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भूकंप को कैसे मापा जाता है?

भूकंप से पैदा होने वाले कंपन (वाइब्रेशन) का पता लगाने के लिए सीस्मोग्राफ (Seismographs) का उपयोग किया जाता है। यह वाइब्रेशन को रिकॉर्ड करता है।

Moment Magnitude Scale (Mw) भूकंप के स्रोत से निकलने वाली कुल ऊर्जा को मापता है। यह सभी तरह के भूकंप की गणना के अच्छे नतीजे देता है। हालांकि Moment Magnitude Scale के इस्तेमाल के बाद भी रिक्टर स्केल को लोगों के बीच काफी भरोसेमंद माना जाता है।

रिक्टर स्केल ने logarithmic scale को सामने रखा, जिसमें हर एक संख्या की वृद्धि का मतलब 10 गुना अधिक कंपन और लगभग 32 गुना अधिक ऊर्जा से होता है। इस स्केल की कोई अपर लिमिट नहीं होती है और इसमें दशमलव के अंकों को भी लिया जाता है। जैसे- भूकंप की तीव्रता 4.6, 7.9 आदि।

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किस तीव्रता के भूकंप पर कितना झटका लगता है?

Micro (<3.0): आमतौर पर इसके झटके महसूस नहीं होते।

Minor (3.0–3.9): इसमें झटके तो महसूस होते हैं लेकिन इससे नुकसान नहीं होता।

Light (4.0–4.9): इस तरह के भूकंप के झटकों से मामूली नुकसान हो सकता है।

Moderate (5.0–5.9): इससे थोड़ा-बहुत नुकसान हो सकता है।

Strong (6.0–6.9): आबादी वाले क्षेत्रों में बड़ा नुकसान हो सकता है।

Major (7.0–7.9): बड़े पैमानी पर तबाही हो सकती है।

Great (8.0+): इतनी तीव्रता के भूकंप से बहुत भारी तबाही हो सकती है।

एक्सपर्ट्स के द्वारा सटीक आकलन के लिए Magnitude Scale के इस्तेमाल को प्राथमिकता दी जाती है लेकिन अभी भी भूकंप की तीव्रता को समझने के लिए या भूकंप की तीव्रता क्या थी, इसे बताने के लिए रिक्टर स्केल का ही इस्तेमाल किया जाता है।

भूकंप का असर सिर्फ Magnitude पर निर्भर नहीं करता

एक अहम बात यह भी है कि भूकंप का कितना असर हुआ है, यह केवल उसके Magnitude पर ही निर्भर नहीं करता, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि उस इलाके में जनसंख्या घनत्व क्या है, वहां के बुनियादी ढांचे के निर्माण की क्वालिटी कैसी है, भूकंप कितना गहरा था और इसकी लोकेशन क्या थी?

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