करीब 40 साल पहले 22 जून, 1983 को 15 साल की एक स्कूली लड़की रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई थी। लड़की का नाम इमानुएला ऑरलैंडी (Emanuela Orlandi) है। ऑरलैंडी बांसुरी बजाना सीख रही थीं। वह रोम में बांसुरी क्लास से लौटने के दौरान ही लापता हुई थीं। इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब इमानुएला ऑरलैंडी के भाई वेटिकन के इन्वेस्टिगेटर से मिले, जिसे पोप फ्रांसिस ने मामले की तह तक जाने की स्वतंत्र दे दी है।

नेटफ्लिक्स की वजह से चर्चा में आया मामला

इमानुएला ऑरलैंडी का परिवार वेटिकन में रहता था। ऑरलैंडी के पिता ने वेटिकन में क्लर्क के रूप में काम किया था। वेटिकन सिटी यूरोप महाद्वीप का एक देश है। यह देश इटली (Italy) की राजधानी रोम (Rome) में बसा था। मात्र 108 एकड़ के इस देश की लड़की के लापता होने का मामला 2017 के अंत में आयी नेटफ्लिक्स सीरीज “वेटिकन गर्ल” की रिलीज के बाद से अधिक चर्चा में है।

हालांकि पहले भी समय-समय पर इटली और वेटिकन में यह मामला जांच का विषय रहा है। अब इसे लेकर वैश्विक स्तर पर बहस छिड़ी हुई है। अपने सेवानिवृत्त पूर्ववर्ती से डेटा प्राप्त करने के बाद, वेटिकन के मुख्य अभियोजक एलेसेंड्रो डिड्डी ने जनवरी में पहले की असफल वेटिकन जांच को फिर से शुरू किया।

एमानुएला के बड़े भाई पिएत्रो और परिवार की वकील लौरा सग्रो ने मंगलवार दोपहर वेटिकन में एलेसेंड्रो डिड्डी के साथ पांच घंटे लंबी मुलाकात की। मुलाकात के बाद संग्रो ने मीडिया को बताया, “हमें उम्मीद है कि यह मामला सुलझेगा और इतिहास में एक नया पन्ना जुड़ेगा। वेटिकन का खुलापन और पोप का दृढ़ संकल्प बिल्कुल सकारात्मक था।”

2019 का वह पत्र

साल 2019 में ऑरलैंडी परिवार को एक गुमनाम पत्र मिला, जिसमें कहा गया था कि लड़की का शरीर वेटिकन की दीवारों के ठीक अंदर टेउटोनिक कब्रिस्तान में मृतकों के बीच छिपा हो सकता है, जहां एक किताब पकड़े हुए एक देवदूत की मूर्ति होगी।

इसके बाद दो मकबरे खोले गए, लेकिन कुछ भी नहीं मिला- यहां तक कि 19वीं सदी की उन दो राजकुमारियों की हड्डियां भी नहीं मिलीं जिन्हें वहां दफनाए जाने का किस्सा मशहूर था।

2018 में रोम में वेटिकन दूतावास में ग्राउंड वर्क के दौरान कुछ हड्डियों मिलीं। मीडिया ने यह खबर चलाई कि वो हड्डियां ऑरलैंडी या मिरेला ग्रेगोरी (एक और लापता लड़की) की हो सकती हैं। हालांकि डीएनए जांच के परिणाम नकारात्मक आए थे। पिछले महीने इटली के निचले सदन ने दोनों लड़कियों के लापता होने की जांच के लिए एक संसदीय आयोग के गठन को मंजूरी दी थी।