शराब पीने वालों के बीच ‘पटियाला पेग’ की बहुत चर्चा रहती है। इसे लेकर बॉलीवुड में गाने भी बन चुके हैं। ‘पटियाला पेग’ साइज में सामान्य पेग से बड़ा होता है। शराब पीने वालों का दावा होता है कि इस पेग से नशा भी अधिक होता है। हालांकि इस बात पर बहुत कम लोगों का ध्यान जाता है कि आखिर शराब के एक बड़े पेग का नाम पंजाब के एक शहर के नाम पर क्यों है? क्या है पटियाला पेग के नामकरण के पीछे की कहानी?

एक राजा की चालाकी का परिणाम है पटियाला पेग!

‘पटियाला पेग’ के नामकरण का तार पटियाला रियासत के किंग भूपेंद्र सिंह से जुड़ता है। वह एक सिख राजा थे, जिनका कार्यकाल 1900 से 1938 था। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भूतपूर्व सैनिक (1963 से 1966) कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी ऑथराइज्ड बायोग्राफी में भी पटियाला पेग को राजा भूपेंद्र सिंह से ही जोड़ा है। किंग भूपेंद्र सिंह कैप्टन अमरिंदर सिंह के दादा थे। कैप्टन के पिता यादवेंद्र सिंह पटियाला रियासत के अंतिम महाराजा थे।  

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी आत्मकथा में पटियाला पेग के नामकरण का किस्सा बताया है। किंग भूपेंद्र सिंह ने सिख योद्धाओं की एक पोलो टीम बनाई थी। यह टीम बहुत काबिल थी। भूपेंद्र सिंह की टीम जिसके साथ खेलती थी, उसका हारना तय होता था।

एक बार भूपेंद्र सिंह की टीम को आइरिस टीम ने अपने साथ मुकाबले के लिए कहा। गेम घोड़े पर बैठकर ही खेलना था। लेकिन वह पोलो नहीं था। गेम का नाम था- टेंट पेगिंग। इस खेल में घोड़े पर सवार खिलाड़ी को भाले की नोंक से जमीन पर पड़े लकड़ी के ब्लॉक को हिट करना होता है। पटियाला के राजा की टीम को इस गेम का अनुभव नहीं था। पहली बार भूपेंद्र सिंह की टीम को हार का डर सता रहा था क्योंकि आइरिस टीम इस खेल में माहिर थी।

गेम को जीतने के लिए भूपेंद्र सिंह ने एक योजना बनाई। मैच से एक दिन पहले शाम में उन्होंने अपने सभी मेहमानों को पार्टी दी, जिसमें जमकर शराब चली। किंग के आदेश के अनुसार शराब के पेग को दोगुना बड़ा बनाकर सर्व किया जा रहा था। देर रात तक पार्टी चलती रही। अगली सुबह आइरिस टीम हैंगओवर के साथ उठी। और इसका परिणाम यह हुआ कि वह गेम में अपना बेस्ट परफॉर्मेंस नहीं दे पाए। वह मैच हार गए।

भूपेंद्र सिंह के पास पहुंची शिकायत

उदास और नाराज आइरिस टीम ने इसकी शिकायत राजा भूपेंद्र सिंह से की। टीम ने अपने पॉलिटिकल एजेंट को बड़े पेग की शिकायत करने पटियाला के किंग के पास भेजा। किंग भूपेंद्र सिंह ने आइरिट टीम के एजेंट को जवाब दिया कि पटियाला में पेग बड़े बनाए जाते हैं। इस तरह पटियाला पेग का नाम ‘पटियाला पेग’ पड़ा। इस कहानी के अलावा भी पटियाला पेग के नामकरण की कुछ कहानियां है, हालांकि सब में एक नाम कॉमन है- पटियाला के किंग भूपेंद्र सिंह। पटियाला पेग आज भी विस्की पसंद करने वाले भारतीय के बीच बहुत मशहूर है।