पंजाब के मानसा जिले के मूसागांव में स्थित जाने-माने गायक शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हवेली पर तेज धूप में भी सिद्धू को चाहने वाले लोग पहुंचे हैं। इनमें से कई लोग सिद्धू मूसेवाला के घर में लगे बड़े दरवाजों के सामने अपनी तस्वीरें खिंचवाते हैं। कुछ लोग सिद्धू की प्रतिमा पर पहुंचकर उसे श्रद्धांजलि देते हैं और चले जाते हैं।
मूसा गांव के रहने वाले हरमेश सिंह कहते हैं कि मूसेवाला के माता-पिता 2 महीने पहले पैदा हुए बच्चे के साथ व्यस्त होंगे। बहुत गर्मी भी है और वे आराम कर रहे होंगे, वरना वे सिद्धू मूसेवाला के प्रशंसकों से जरूर मिलते।
हरमेश सिंह मूसेवाला के घर के सामने लगने वाली एक छोटी सी बाजार में चाय की दुकान चलाते हैं।
हरमेश सिंह बताते हैं कि यह जमीन मूसेवाला के परिवार की है और उन्होंने कभी भी हमसे किराया नहीं मांगा। यहां पर गांव के रहने वाले लोग मूसेवाला की तस्वीरें लगा हुआ सामान बेचते हैं और इससे उनकी रोजी-रोटी चलती है।

Harsimrat Kaur Badal: हरसिमरत कौर बादल हैं चुनाव मैदान में
सिद्धू मूसेवाला का गांव बठिंडा लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है। बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी और यहां की मौजूदा सांसद हरसिमरत कौर बादल एक बार फिर चुनाव लड़ रही हैं।
सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह लोकसभा चुनाव के दौरान कई सीटों पर कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार कर चुके हैं और इसमें वह मूसेवाला को इंसाफ देने की मांग करते हैं। बलकौर सिंह ने अपने गांव में बठिंडा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधायक मोहिंदर जीत सिंह सिद्धू के समर्थन में आयोजित एक सभा को भी संबोधित किया।
Sidhu Moosewala Murder: जवाहरके गांव में हुई थी मूसेवाला की हत्या
मूसेवाला के परिवार ने अपने बेटे की याद में एक अखंड पाठ रखा था। आने वाली 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की दूसरी पुण्यतिथि है और इस मौके पर भोग रखा गया है। सिद्धू मूसेवाला की मानसा के जवाहरके गांव में 29 मई, 2022 को गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। 2022 में हुए पंजाब विधानसभा के चुनाव में सिद्धू मूसेवाला ने कांग्रेस के टिकट पर मानसा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन मूसेवाला को हार मिली थी।
मूसेवाला के गांव के कुछ लोग और उसके प्रशंसक अभी भी उसकी हत्या के दुख से नहीं उबर पाए हैं। गांव के रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग प्रीतम सिंह कहते हैं, ‘मूसेवाला अच्छा इंसान था, अगर वह जीवित होता तो वह गांव के लिए बहुत कुछ करता। वह गांव को दुनिया के नक्शे पर ले आया था। दुनिया भर से लोग यहां आते थे, उसने युवाओं को प्रेरित किया था। वह जवानी में और अपने गांव में ही मरना चाहता था और उसकी इच्छा पूरी हुई। हम उसके जाने के बाद भी उसे बहुत प्यार करते हैं।’
यह पूछे जाने पर कि सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह कांग्रेस के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं तो क्या गांव के लोग कांग्रेस का समर्थन करेंगे। इस इस बारे में प्रीतम सिंह कहते हैं किसी के कहने से एक वोट भी नहीं पड़ती, वह दिन चले गए जब ऐसा होता था और अब समय बदल गया है।

ग्रामीण बोले- अपने हिसाब से देंगे वोट
प्रीतम सिंह कहते हैं कि जब एक परिवार का मुखिया अपनी इच्छा अपने घर के लोगों पर नहीं थोप सकता तो कोई दूसरा ऐसा कैसे कर सकता है। हम मूसेवाला से प्यार करते हैं लेकिन वोट देना एक बिल्कुल अलग चीज है, इसलिए गांव के लोग जहां चाहेंगे, वहां वोट देंगे।
प्रीतम सिंह के दोस्त जोगिंदर सिंह कहते हैं कि वह बलकौर सिंह की सभा में गए थे। जोगिंदर सिंह बताते हैं कि वह कांग्रेस के पक्के वोटर हैं और वह कांग्रेस को ही वोट देंगे। वह गांव में लगे हुए मूसेवाला को इंसाफ देने के पोस्टर भी दिखाते हैं। बलकौर सिंह भी बार-बार कहते हैं कि उनके बेटे के हत्यारों को अभी भी सजा नहीं दी गई है।
गांव के ही रहने वाले चांद सिंह कहते हैं कि लोग अपने हिसाब से वोट देंगे। पहले लोग धर्म या पंथ के लिए वोट देते थे क्योंकि लोग कहते थे कि पंथ खतरे में है लेकिन पिछले दो चुनाव में हमने आम आदमी पार्टी को वोट दिया है। भले ही आम आदमी पार्टी की सरकार ने हमें मुफ्त बिजली दी लेकिन लोग इसे भूल गए। मूसेवाला के पिता भी यहां आए थे। हम सभी ने उन्हें समर्थन दिया लेकिन मशीनों से ही पता चलेगा कि कांग्रेस को कितने वोट पड़े हैं।

लुधियाना के लालतों गांव के रहने वाले और सिद्धू मूसेवाला के फैन परविंदर सिंह काका ढिल्लों मानसा जेल में बंद अपने दोस्त से मिलने आए थे और वह सिद्धू मूसेवाला का घर देखने मानसा गांव भी पहुंचे। ढिल्लों कहते हैं कि वे लोग पहले आम आदमी पार्टी के समर्थक थे लेकिन उनके दोस्तों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर दिए गए और वे लोग अब जेल में हैं। पंजाब में बीजेपी के उम्मीदवारों के खिलाफ हो रहे किसानों के प्रदर्शन को लेकर ढिल्लों कहते हैं कि बीजेपी को अब दरवाजा दिखाया जा रहा है।
मजहबी सिख समुदाय से आने वाले माखन सिंह कहते हैं कि वह सब को देख चुके हैं। उन्होंने अकाली दल, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सबको वोट दिया और अब हमें बीजेपी को एक मौका देना चाहिए। लेकिन जाट किसान बीजेपी के लोगों को गांव से वापस लौटा दे रहे हैं और कोई नहीं जानता कि उन्हें कौन वोट देगा।
Punjab 2022 Election: मूसेवाला को मिली थी बड़ी हार
जबरदस्त लोकप्रियता के बावजूद सिद्धू मूसेवाला को विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार विजय सिंगला से 63,323 वोटों से हार मिली थी। प्रीतम कहते हैं कि लोग तब सिद्धू मूसेवाला को समझ नहीं सके थे। हमारा गांव सरदूलगढ़ विधानसभा सीट में पड़ता है। अगर वह हमारी सीट से चुनाव लड़ते तो जरूर जीत जाते।

Bathinda Lok Sabha: पिछली बार नजदीकी मुकाबले में हारे थे वडिंग
मानसा और सरदूलगढ़ की विधानसभा सीट बठिंडा लोकसभा क्षेत्र की 9 सीटों में शामिल हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बठिंडा सीट पर अकाली दल की उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को नजदीकी मुकाबले में 21,772 वोटों से हराया था।
इस बार हरसिमरत कौर बादल यहां कड़े मुकाबले में फंसी हुई हैं। आम आदमी पार्टी ने यहां से कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और बीजेपी ने परमपाल कौर सिद्धू को टिकट दिया है। पंजाब में सभी 13 सीटों पर 1 जून को वोटिंग होगी।