NDA vs INDIA Alliance in Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड के विधानसभा चुनाव में आदिवासी बहुल सीटों को जीतने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन और बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला है। 81 सीटों वाली झारखंड की विधानसभा में 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। बीजेपी ने झारखंड के चुनाव में धर्मांतरण को मुद्दा बनाया है जबकि झामुमो और कांग्रेस ने सरना कार्ड खेला है। झारखंड में आदिवासी मतदाताओं की आबादी 26% है।
…रोटी बेटी माटी की पुकार
81 सीटों वाली झारखंड की विधानसभा में 13 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों में वोट डाले जाएंगे और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में लोक लुभावने वादों की भरमार की है। बीजेपी ने झारखंड बनने के 25 साल पूरे होने पर 25 संकल्प लिए हैं। इन संकल्पों में ओबीसी के लिए 27% आरक्षण को बरकरार रखे जाने, हर जिला मुख्यालय को राजधानी रांची से जोड़ने के साथ ही वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों के लिए ढाई हजार रुपए तक की मासिक पेंशन लागू करने जैसे कई बड़े वादे पार्टी की ओर से किए गए हैं।
बीजेपी ने झारखंड चुनाव के लिए ‘रोटी बेटी माटी की पुकार, झारखंड में भाजपा सरकार’ नारा दिया है।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में इंडिया गठबंधन भी लगातार चुनावी कार्यक्रमों को रफ्तार दे रहा है। हेमंत सोरेन और कांग्रेस राजद, और वाम दलों के बड़े नेता चुनाव प्रचार में जुटे हैं।
झारखंड में पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजे
साल | बीजेपी | झामुमो | कांग्रेस | झाविमो | आजसू |
2014 विधानसभा चुनाव | 37 | 19 | 6 | 8 | 5 |
2019 विधानसभा चुनाव | 25 | 30 | 16 | 3 | 2 |
डेमोग्राफी बदलने का दावा
झारखंड में बीजेपी लगातार डेमोग्राफी बदलने और अवैध घुसपैठ होने का दावा कर रही है। असम के मुख्यमंत्री और राज्य के सह चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि झारखंड के संथाल परगना इलाके में बड़ी संख्या में बांग्लादेश से घुसपैठिये आ रहे हैं और यहां के आदिवासियों और दलितों की जमीनें छीन रहे हैं। सरमा का दावा है कि झारखंड के 20 विधानसभा क्षेत्रों में बांग्लादेशी घुसपैठिए 20 से 48% तक बढ़ गए हैं।
…सिर्फ 2 सीटें जीती थी बीजेपी
झारखंड में आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 सीटों में से 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सिर्फ दो सीटें जीती थी और यही वजह थी कि पार्टी बहुमत से काफी दूर रह गई थी जबकि झामुमो-कांग्रेस गठबंधन ने 25 सीटें जीती थी। पिछले चुनाव में बीजेपी अकेले उतरी थी जबकि इस चुनाव में उसने अपने पुराने सहयोगियों ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के साथ ही जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के साथ गठबंधन किया है।
अगर आदिवासी बहुल इलाके दक्षिणी छोटा नागपुर की बात करें तो इसमें पांच जिले- रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा आते हैं। इनमें 15 विधानसभा सीटें हैं जिनमें 11 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। इंडिया गठबंधन ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 15 सीटों में से 8 सीटें जीती थी जबकि बीजेपी ने पांच और आजसू ने एक सीट जीती थी। 11 आरक्षित सीटों में से 11 कांग्रेस और झामुमो ने चार-चार सीटें, बीजेपी ने 2 और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाले झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने एक सीट जीती थी। झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का बाद में बीजेपी में विलय हो गया था।
पांचों आरक्षित सीटों पर हारी थी बीजेपी
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आदिवासी मतदाताओं वाली सीटों पर बीजेपी और एनडीए गठबंधन के लिए खराब रहे थे क्योंकि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी सीटों पर इंडिया गठबंधन को जीत मिली थी। जबकि 2019 में बीजेपी यहां 2 सीटें जीती थी। इन पांच में से भी चार लोकसभा सीटों पर बीजेपी को बहुत बड़े अंतर से हार मिली थी।
राजनीतिक दल | 2019 में मिली सीटें | 2024 में मिली सीटें |
बीजेपी | 11 | 8 |
कांग्रेस | 1 | 2 |
झामुमो | 1 | 3 |
आजसू | 1 | 1 |
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही बीजेपी ने आदिवासी मतदाताओं तक पहुंचने की भरपूर कोशिश की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी आदिवासी समुदाय से ही आते हैं। बीजेपी ने आदिवासियों के भगवान कहे जाने वाले बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा के जन्म स्थान खूंटी में स्थित उलिहातू पहुंचे थे।
लोकसभा सीट का नाम | आने वाली विधानसभा सीटें |
खूंटी | खरसावां (एसटी), तमाड़ (एसटी), तोरपा (एसटी), खूंटी (एसटी), सिमडेगा (एसटी), कोलेबिरा (एसटी) |
सिंहभूम | सरायकेला (एसटी), चाईबासा (एसटी), मझगांव (एसटी), जगनाथपुर (एसटी), मनोहरपुर (एसटी), चक्रधरपुर (एसटी) |
लोहरदगा | मांडर (एसटी), सिसई (एसटी), गुमला (एसटी), बिशुनपुर (एसटी), लोहरदगा (एसटी) |
दुमका | शिकारीपाड़ा (एसटी), नाला, जामताड़ा, दुमका (एसटी), जामा (एसटी), सारठ |
राजमहल | बोरियो (एसटी), राजमहल, बरहेट (एसटी), लिट्टीपाड़ा (एसटी), पाकुड़, महेशपुर (एसटी) |
दक्षिणी छोटानागपुर में बीजेपी के चुनाव प्रचार की कमान लोहरदगा से तीन बार सांसद रहे सुदर्शन भगत और पूर्व राज्यसभा सांसद समीर उरांव कर रहे हैं। उरांव लोकसभा चुनाव में लोहरदगा से हार गए थे। रांची सीट पर भी जेएमएम की ओर से महुआ माजी चुनाव लड़ रही हैं। महुआ माजी राज्यसभा सांसद भी हैं। इस सीट पर महुआ माजी और बीजेपी के छह बार के विधायक सीपी सिंह के बीच कड़ी टक्कर है। पिछले चुनाव में सीपी सिंह ने महुआ को करीब 5,900 वोटों से हराया था।
याद दिलाना होगा कि खूंटी के इलाके में 2017-18 में बीजेपी की सरकार के कार्यकाल के दौरान पत्थलगड़ी आंदोलन हुआ था और यह हिंसक हो गया था। दक्षिण छोटानागपुर में बीजेपी सत्ता विरोधी लहर के साथ ही आदिवासियों के धर्मांतरण का मुद्दा भी उठा रही है।
झामुमो और कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का गिरा
राजनीतिक दल | 2019 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में) | 2024 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में) |
बीजेपी | 50.96 | 44.60 |
कांग्रेस | 15.63 | 19.19 |
झामुमो | 11.51 | 14.60 |
सरना धर्म कोड को लेकर इंडिया गठबंधन हमलावर
झारखंड के आदिवासी समुदाय के एक बड़े वर्ग ने सरना धर्म कोड की मांग की थी जिसे लेकर हेमंत सोरेन सरकार ने 2022 में विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था और इसे जनगणना में एक अलग कोड के रूप में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा था। लेकिन यह भी केंद्र सरकार के पास लंबित है। इसके अलावा अधिवास विधेयक 1932 को राज्यपाल ने वापस लौटा दिया था। झामुमो-कांग्रेस इसे मुद्दा बना रहे हैं।
इंडिया गठबंधन को मैय्या सम्मान योजना से वोट मिलने की उम्मीद है। इस योजना के तहत 18-50 साल की हर वंचित महिला को 1,000 से बढ़ाकर 2,500 रुपये दिए जाने का प्रस्ताव है।