लोकसभा चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या लगातार घटती जा रही है। 2019 में जहां कांग्रेस, टीएमसी, सपा, राजद, एनसीपी और सीपीएम ने 115 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था, वहीं 2024 में 12 राजनीतिक दलों ने कुल 1490 उम्मीदवारों को टिकट दिया और इनमें से सिर्फ 80 मुस्लिम हैं।
बीजेपी ने सिर्फ एक मुस्लिम उम्मीदवार को चुनाव में टिकट दिया है जबकि बिहार में इसकी सहयोगी जेडीयू ने कुल दो मुस्लिम नेताओं को प्रत्याशी बनाया है।
बसपा ने दिये सबसे ज्यादा टिकट लेकिन पहले से कम
2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा एक ऐसा राजनीतिक दल है जिसने सबसे ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। बसपा ने 35 मुसलमानों को टिकट दिया है। इसमें से 17 टिकट यूपी में दिए हैं जबकि मध्य प्रदेश में चार, बिहार और दिल्ली में तीन-तीन, उत्तराखंड में दो और राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड, तेलंगाना और गुजरात में एक-एक मुस्लिम नेता को बसपा चुनाव लड़ा रही है।
2019 के लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के 39 नेताओं को बसपा ने प्रत्याशी बनाया था लेकिन 2014 में यह आंकड़ा 61 था। इसका मतलब यह है कि बसपा ने भी 2014 के मुकाबले मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवारों को लगातार कम टिकट दिए हैं।

कांग्रेस ने इस बार 19 मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव में उतारे हैं। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 34 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने के मामले में टीएमसी तीसरे नंबर पर है टीएमसी ने कुल 6 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं और इसमें से पांच टीएमसी के शासन वाले पश्चिम बंगाल में है एक मुस्लिम उम्मीदवार को टीएमसी ने असम में टिकट दिया है।
आइए, टेबल से जानते हैं कि किस राजनीतिक दल ने 2014, 2019 और 2024 में कितने मुस्लिमों को टिकट दिया है।

सपा ने चार, आरजेडी ने दो मुस्लिमों को दिया टिकट
समाजवादी पार्टी ने सिर्फ चार मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया है जबकि उत्तर प्रदेश में माना जाता है कि मुस्लिम समुदाय के बड़े हिस्से का समर्थन सपा के साथ है 2019 में सपा ने 2024 के मुकाबले दोगुने उम्मीदवारों को टिकट दिया था 2014 में सपा की ओर से उतारे गए मुस्लिम उम्मीदवारों का आंकड़ा 39 था।

बिहार में लंबे वक्त तक सरकार चलाने वाली राष्ट्रीय जनता दल का मुख्य आधार मुस्लिम यादव वोट बैंक ही है लेकिन राजद ने भी इस बार सिर्फ दो मुसलमानों को प्रत्याशी बनाया है जबकि 2019 में उसने पांच मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे और 2014 में यह आंकड़ा 6 था।
2019 Lok Sabha Chunav: 26 मुस्लिम उम्मीदवार जीते थे
2019 में 26 मुस्लिम उम्मीदवार जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इनमें से कांग्रेस और टीएमसी के चार-चार सांसद थे, तीन-तीन सांसद बसपा और सपा के थे और एनसीपी और सीपीएम का एक-एक सांसद था। बाकी सांसद एआईयूडीएफ, लोक जनशक्ति पार्टी (अविभाजित) आईयूएमएल और जे एंड के नेशनल कांफ्रेंस के थे।
Anti Muslim Remark: मुसलमानों को लेकर बयानबाजी
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान मुसलमानों को लेकर तमाम तरह की बयानबाजी लगातार सामने आ रही है। मुसलमानों को लेकर बयानबाजी की शुरुआत बीते महीने अप्रैल में तब हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे चरण के मतदान से पहले राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ‘अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह देश की संपत्ति को ‘घुसपैठियों और जिनके अधिक बच्चे हैं, उनके बीच बांट सकती है।’

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी सभा में कहा कि कांग्रेस की ऐसी योजना है कि वह धर्म के आधार पर बजट का 15% हिस्सा मुस्लिम समुदाय के लिए आवंटित करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी रैलियों में लगातार यह भी कह रहे हैं कि इंडिया गठबंधन और कांग्रेस एससी-एसटी, ओबीसी का आरक्षण छीन कर मुस्लिम समुदाय को देना चाहते हैं लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे।
हिमंता बोले- लालू चले जाएं पाकिस्तान
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बीते दिन बिहार में हुई एक चुनावी रैली में कहा कि अगर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं तो वह अपने दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के साथ पाकिस्तान चले जाएं। उन्होंने यह बात बिहार के मुजफ्फरपुर में बीजेपी के उम्मीदवार राज भूषण निषाद के समर्थन में आयोजित चुनावी रैली में कही।
हिमंता बिस्वा सरमा ने इसी चुनावी रैली में कहा कि मुल्ले पैदा करने वाली दुकान बंद कर देंगे और मदरसा बंद करा देंगे।
सरमा ने कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में एक चुनावी रैली में कहा था कि एनडीए को 400 सीट चाहिए ताकि ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पर मंदिर का निर्माण कराया जा सके।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 18 मई को मुंबई के नालासोपारा में आयोजित एक चुनावी रैली में कहा कि अगर एनडीए गठबंधन सत्ता में आता है तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके भारत का हिस्सा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा है कि वह माताओं और बहनों के सोने का हिसाब करेगी और फिर इसे मुसलमानों को बांट देगी, यहां तक कि मंगलसूत्र को भी नहीं बख्शेगी। लेकिन क्या मुसलमान हिंदुओं से ज्यादा अमीर हैं? आइये देखते हैं क्या कहते हैं आंकड़े?
