Who Is LTTE Velupillai Prabhakaran: तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तंजावुर (Thanjavur) में वर्ल्ड कॉन्फेडरेशन ऑफ तमिल्स के अध्यक्ष पी नेदुमारन (Pazha Nedumaran) ने दावा किया है कि LTTE (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) के संस्थापक वेलुपिल्लई प्रभाकरन (Velupillai Prabhakaran) जिंदा हैं।

नेदुमारन ने कहा, “मैं पुष्टि कर सकता हूं कि तमिल नेशनल लीडर प्रभाकरण जिंदा हैं। मैं यह खुलासा प्रभाकरन के परिवार की सहमति से कर रहा हूं। लिट्टे प्रमुख जीवित और स्वस्थ हैं। महिंदा राजपक्षे के खिलाफ सिंहली विरोध और अंतरराष्ट्रीय स्थिति के संदर्भ में लिट्टे नेता के लिए खुलकर सामने आने का समय आ गया है। वह जल्द ही सामने आएंगे और तमिलों के बेहतर जीवन के लिए नई योजना की घोषणा करेंगे। इस घोषणा से उनकी मृत्यु के बारे में ‘अफवाहों’ पर विराम लगना चाहिए।”

किसी का आतंकवादी, किसा का जननायक

श्रीलंकाई सरकार के खिलाफ लंबे समय तक गोरिल्ला युद्ध लड़ने वाले वेलुपिल्लई प्रभाकरन किसी की नजर में आतंकवादी हैं, तो किसी के लिए स्वतंत्रता सेनानी और जननायक। तमिल राष्ट्रवादियों का एक गुट आज भी उन्हें एक महान योद्धा मानता है।

प्रभाकरन का मकसद श्रीलंका के उत्तर और पूर्व में एक स्वतंत्र तमिल राज्य बनाना था। इसके लिए प्रभाकरन के नेतृत्व में लिट्टे ने 25 साल से अधिक समय तक श्रीलंका की सरकार से युद्ध लड़ा।

लिट्टे का आरोप था कि सिंहली-प्रभुत्व वाली श्रीलंकाई सरकार और वहां के बहुसंख्यक सिंहल नागरिक तमिलों के साथ भेदभाव करते हैं। इसी भावना से उपजी नाराजगी ने साल 1976 में लिट्टे (Liberation Tigers of Tamil Elam) का रूप लिया था।

जब लिट्टे ने उड़ाया था ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’

11 सितंबर, 2001 को न्यूयार्क (अमेरिका) के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला हुआ था, जिसके लिए ओसामा बिन लादेन को जिम्मेदार बताया जाता है। हालांकि इस आत्मघाती हमले से करीब चार साल पहले प्रभाकरन की सेना ने कोलंबो (श्रीलंका) स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के पास बड़ा बम धमका किया था।

अटैक 15 अक्टूबर, 1997 को हुआ था। हमले के लिए 350 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। चार निहत्थे सुरक्षा गार्डों की गोली मारकर हत्या की गई थी। विस्फोटक लदे ट्रक को गलादरी होटल के कार पार्किंग में लगाया गया था। ट्रक पर आरपीजी दागकर विस्फोटकों को उड़ा दिया था।

कार पार्किंग कोलंबो वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के पश्चिमी टॉवर के निकट स्थित है। हमले से कुछ दिन पहले ही कोलंबो के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का उद्घाटन किया गया था, इसलिए संदेह है कि वही लिट्टे का मुख्य लक्ष्य था। विस्फोट में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर सहित होटल और आस-पास की इमारतों को भारी नुकसान हुआ था। सभी हमालवर या तो मार दिए गए थे, या उन्होंने खुद को उड़ा लिया था या साइनाइड की गोली खा ली थी।

2009 में हुई थी मौत की घोषणा

साल 2009 में श्रीलंका की सेना ने तस्वीरें जारी कर बताया था कि लिट्टे नेता प्रभाकरण मार दिए गए हैं। सेना ने दावा किया था कि प्रभाकरन भागने की कोशिश के दौरान मारे गए।

लिट्टे के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के तत्कालीन प्रमुख सेल्वरसा पथमानाथन ने खुद बीबीसी को बताया था कि लिट्टे नेता प्रभाकरन की 17 मई, 2009 को मौत हो गई। लिट्टे ने तब एक सप्ताह के शोक की भी घोषणा की थी। साथ ही तमिलों के लिए अहिंसक संघर्ष चलाने की बात कही थी।