लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया पर एक वीडियो मिला, जिसमें पुलिस कुछ लोगों की पिटाई करती दिख रही है। वीडियो के साथ दावा किया गया कि वीडियो में यूपी पुलिस महाकुंभ में शाही स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार कर रही है।
जांच के दौरान, हमने पाया कि वीडियो प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ से संबंधित नहीं है, बल्कि यह पुराना है और झारखंड का है।
क्या है दावा?
एक्स यूजर कमांडो अरुण गौतम ने भ्रामक दावे के साथ वीडियो शेयर किया।
अन्य यूजर भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
हमने वीडियो InVid टूल में अपलोड करके जांच की शुरुआत की और उससे मिले कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च चलाया।
हमें 2 जनवरी, 2025 को बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश द्वारा X पर अपलोड किया गया वही वीडियो मिला।
कैप्शन से पता चलता है कि वीडियो झारखंड का है।
हमें bhaskar.com पर एक महीने पहले अपलोड की गई एक न्यूज़ रिपोर्ट में वीडियो के कुछ दृश्य मिले।
हेडलाइन से पता चलता है कि एक युवक का शव नाले में मिला और फिर परिजनों ने विरोध किया और पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठियों का इस्तेमाल करना पड़ा। यह घटना झारखंड के धनबाद में हुई।
हमें ईटीवी भारत की वेबसाइट पर भी यही दृश्य मिले।
हमें इस घटना के बारे में कई अन्य समाचार रिपोर्ट मिलीं।
हमें धनबाद के इस मामले पर एक वीडियो रिपोर्ट भी मिली।
निष्कर्ष: झारखंड के धनबाद में नाले में युवक का शव मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन और पुलिस द्वारा लाठीचार्ज का वीडियो प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ से गलत दावों के साथ जोड़कर शेयर किया जा रहा है। वायरल दावा फर्जी है।